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________________ स्वयंभूच्छन्दः मधुकरीसंलाप R. 80 (10-9) S. मार्गविसंलाप मधुरालापिनीहस्त 6.111; R. 151 (14-17) च मनोहरा 6.68; R. 106 (15-10) च मन्मथतिलक 6.33; R. 69 (8-14) च मन्मथविलसित 6.110; R. 150 (16-14) च मरकतमाला 6.64; R. 102 (13-10) च मलयमारुत 6.42; R.79 (9-10) च मलयविकसिता 7.10 (8) द्वि मल्लिका P. 3.10 (27) च मल्हणक 6.73; R. 41 (7.10) च महानुभावा 6.125; R. 167 (12) च मागधनकुटी P. 3.5 (22) च मात्रा 4.8; R. 12 (S. note) प मात्रासमक P. 5.2 (16) च मारकृति 6.124; R. 166 (11) च मार्गविसंलाप 6.43 (10-9) च S. मधुकरीसंलाप मालतीकुसुम 6.30; R. 66 (12-8) च मालागाथ P. 1•8 (86-27) द्वि मालाध्रुवक 6.172; R. 223 (40) द्वि मालाविलसित 6.35; R. 71 (8-15) च मिश्रा मात्रा 4.11 (S. note) प मुक्ताफलमाला R. 99 (10-1:2) च S. F. N. on P. 74 मुखपङ्क्ति 6.114; R. 154 (15-16) च मुखपालनतिलक B. 147 (14-15) च S. वरतिलक मुखवास 6.45; R. 82 (11-9) च S. सुखावास मुग्धगलितक P. 2.2 (38) च मौक्तिकदाम G•144; R. 188 (32; Y. 12.8) द्वि मौक्तिकदाम्नी 6.146; R. 190 (32; S. note) द्वि युगल 8.23 (S. note) रगडाधवक R. 174 (17) च S. उपवदन रड्डा 4.11; R. 15. S. वस्तु रतिरमणप्रिय 6.167; (38; Y. 14.8) द्वि. S. दीर्घक रत्नकण्ठिका 6.142; R. 186 (31; Y. 12.8) द्वि रत्नमाला 6.117%3 R. 160 (16-17) च रत्नावली 6.56; R. 93 (9-17) च रथ्यावर्णक 6.164; R. 215 (37; Y. 12.s) द्वि रसनादाम 6.149; R. 194 (33; Y. 12.8) द्वि राजहंस 6-1033; R. 143 (16-13)च रावणह(or म)स्तक 6.13; R. 47 (7-13) च
SR No.023463
Book TitleSwayambhuchand
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH D Velankar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1962
Total Pages292
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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