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________________ सवृत्तिका कविदर्पणः सविपुला 4.126 (s. n.) विशाला 4.22 स. च. (नसय) वेगवती 4.111 अ. च. (सससग; भभभगग) वैतालीय 5.1 अ. च. (6+रलग; 8+रलग) वैश्वदेवी 4.54 स. च. (ममयय) y.5 व्रीडा 4.6 स. च. (यग) व्याल (दण्डक) 4.106 स. च. (6 ल+10 रगणs) शङ्ख (दण्डक) 4.106 स. च. (6 ल+14 रगणs) शशिकला 4.68 स. च. (14 ल+ग) शार्दूलविक्रीडित 4.88 स. च. (मसजसततग) ___y. 12 शालिनी 4.36 स. च. (मततग) y. 4 शिखरिणी 4.82 स. च. (यमनसभलग) y. 6 शुद्धविराट 4.24 स. च. (मसजग) शुद्धविराड्ऋषभ 4.130 com. वि. च. (मसजभगग; सनजरग; तजर; नननजय) श्येनिका 4.31 स. च. (रजरलग) समानिका 4.18 स. च. (4 pairs of गल) समुद्र (दण्डक) 4.106 com. स. च. (6 ल+15 रगणs) सिद्धिका 4.91 स. च. (नजभजजजर) सुभद्रक 4.98 स. च. (8 भगणs) सुमुखी 4.32 स. च. (नजजलग) सुवदना 4.90 स. च. (मरभनयभलग) y. 7,7 सोमराजी 4.10 स. च. (यय) सौम्या 4.130 com. वि. द्वि. (16 ग; 320) सौरभक 4.129 com. वि. च. (सजसल, नसजग, रनभग, सजसजग) स्त्री 4.2 स. च. (गग) स्रग्धरा 4.92 स. च. (मरभनययय) y. 7, 7 स्रग्विणी 4.43 स. च. (4 रगणs) स्वागता 4.28 स. च. (रनभगग) हंसपदा 4.100 स. च. (तयभभननननग)y.10 हंसमाला 4.12 स. च. (रगग) हरिणी 4.81 स. च. (नसमरसलग) y. 6,4 हरिणोद्धता 4.114 अ. च. (सससलग, नभमर) हलमुखी 4-20 स. च. (ग्नस)
SR No.023461
Book Titlekavidarpan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH D Velankar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1962
Total Pages230
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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