SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 193
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ प्रेसों में छप रहे ग्रंथ ___संस्कृत १. शकुनप्रदीप, लावण्यशर्मरचित, सम्पादक-पद्मश्री मुनि श्रीजिनविजयजी । २. त्रिपुराभारतीलघुस्तव, धर्माचार्यप्रणीत, सम्पादक-पद्मश्री मुनि श्रीजिनविजयजी. ३. करुणामृतप्रपा, भट्ट सोमेश्वरविनिर्मित, सम्पा०-पद्मश्री मुनि श्रीजिनविजयजी । ४. बालशिक्षाव्याकरण, ठक्कुर संग्रामसिंहरचित, सम्पा०-पद्मश्री मुनि श्रीजिनविजयजी। ५. पदार्थ रत्नमंजूषा, पं० कृष्णमिश्रविरचित, सम्पा०-पद्मश्री मुनि श्रीजिनविजयजी। ६. वसन्तविलास फागु, अज्ञातकर्तृक, सम्पा०-श्री एम. सी. मोदी। ७. नन्दोपाख्यान, प्रज्ञातकतक, सम्पा०-श्री बी.जे. सांडेसरा । ८. चान्द्रव्याकरण, प्राचार्य चन्द्रगोमिविरचित, सम्पा०-श्री बी. डी. दोशी। ६. प्राकृतानन्द, रघुनाथकविरचित, सम्पा०-पद्मश्री मुनि श्री जिनविजयजी । १०. कविकौस्तुभ, पं० रघुनाथरचित, सम्पा०-श्री एम. एन. गोरी। ११. एकाक्षर नाममाला-सम्पादक-मुनि श्री रमणीकविजयजी। १२. नृत्यरत्नकोश, भाग २, महाराणा कुंभकर्णप्रणीत, सम्पा०-श्री पार. सी. पारीख मौर डॉ. प्रियबाला शाह। १३. इन्द्रप्रस्थप्रबन्ध, सम्पा०-डॉ. श्रीदशरथ शर्मा। १४. हमीरमहाकाव्यम्, नयचन्द्रसूरिकृत, सम्पा०-पद्मश्री मुनि श्रीजिनविजयजी। १५. स्थलिभद्रकाकावि, सम्पा०-डॉ० प्रात्माराम जाजोदिया। १६. वासवदत्ता, सुबन्धुकृत, सम्पा०-डॉ. जयदेव मोहनलाल शुक्ल । १७. वृत्तमुक्तावली, कविलानिधि श्रीकृष्ण भट्ट कृत; सं० पं० श्री मथुरानाथजी भद्र १८. प्रागमरहस्य, स्व० पं० सरयूप्रसादजी द्विवेदी कृत, सम्पा०-प्रो० गङ्गाधरजी द्विवेदी । राजस्थानी और हिन्दी १९. मुंहता नेणसीरी ख्यात, भाग ३, मुंहता नैणसीकृत, सम्पा०-श्रीबद्रीप्रसाद साकरिया । २०. गोरा बावल पदमिणी चऊपई, कवि हेमरतनकृत सम्पा०-श्रीउदयसिंह भटनागर, एम.ए. २१. राजस्थानमें संस्कृत साहित्यकी खोज, एस. आर. भाण्डारकर, हिन्दी अनुवादक श्रीब्रह्मदत्त त्रिवेदी, एम.ए., २२. राठोडारी वंशावली, सम्पा०-पपश्री मुनि श्रीजिनविजयजी। २३. सचित्र राजस्थानी भाषासाहित्यप्रन्थसूची, सम्पादक-पपश्री मुनि श्रीजिनविजयजी। २४. मीरां-बृहत्-पदावली, स्व० पुरोहित हरिनारायणजी विद्याभूषण द्वारा संकलित, सम्पा०-पद्मश्री मुनि श्रीजिनविजयजी। २५. राजस्थानी साहित्यसंग्रह, भाग ३, संपादक-श्रीलक्ष्मीनारायण गोस्वामी। २६. सरजप्रकाश, भाग ३, कविया करणीदानकृत सम्पा०-श्रीसीताराम लाळस । २७. रुक्मिणी , सांयांजी झूला कृत, सम्पा० श्री पुरुषोत्तमलाल मेनारिया, एम.ए.,सा.रल। २८. स ब रज्जबः सम्प्रदाय और साहित्य, डॉ. व्रजलाल वर्मा । २६. समदर्शी प्राचार्य हरिभद्रसूरि, श्री सुखलालजी सिंघवी। ३०. पश्चिमी भारत की यात्रा, कर्नल जैम्स टॉड, अनु० श्रीगोपालनारायण बहुरा, एम.ए. अंग्रेजी I. Catalogue of Sanskrit and Prakrit Manuscripts Part I. R.O.R.I. (lodhpur Collection ), ed., by Padamashree Jin vijaya Muni, Puratattvacharya. 32. A List of Rare and Reference Books in the R.O.R.I., Jodhpur, ed., by P.D. Pathak, M.A. विशेष-पुस्तक-विक्रेताओं को २५% कमीशन दिया जाता है।
SR No.023458
Book TitleVruttajatisamucchaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH D Velankar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1962
Total Pages194
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy