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________________ सटीको वृत्तजातिसमुच्चयः ११५ 1.6 4.42 4.45 3.36 4.7 4.25 6.16 4.52 4.79 4.104 3.37 4.67 3.28 6.23 1.16 1.16 4.35 3.48 6.15 3.8 3.49 4.54 4.61 4.6 4.48 4.49 1.7,4.51 6.54 2.13 पढमचउत्थजोह पढमचमरस्स हिहे पढमणिउत्तहत्थि पढमणिरूविअअं पढमतइआ अ तुरआ पढमतुरंगबी पढमं दइए होइ पढमबाणबीआसणि पढमरवाहो चमरं पढमलहू बीअलहू पढमा बीआ हुअंति पत्थारसाअरवरे पत्थारा जे सव्वे पत्थारे पत्थरिए पमुहअविरमएसु पमुहंते एकेक पमुहंमि पुगेहिआण परिणंदिअआणंदिय परिमाणं नस्थिचि परिवाडीए णामा पवणरविधण पाअ अ तिणि पिच्छ पक्खिणाहअं पिच्छ पिच्छ छअओअरि पुरओ जोहअस्स पुरओ रहं गरिंदै फरिसं मणिं महए बीअचउत्थेसु सरो बीअढेसु कहिंचि बीआविरुद्धथण भमरावलीअ अंते भवति मुद्गरो भामिणि रहणरिंद भुअआहिवसालाहण भूसणअं रसोव्व मणिरवमालाआरो मणिविरामबाणाण मत्तावित्ताण सआ मंतिअओ सतुरंगओ मंतित्ति भण्णइ जहिं 6.2 6.48A 4.97 6.7 3.43 1.5 4.109 4.88 4.11 3.52 3.7 3.5 2.4 मागहिआमत्ताणं माणिणि दाविज्जंतु मालासीसअणामए मुद्धडिए बहुविअड़ मुद्धा मणोहरा यदि भ्राम्भणि रअणाअरे गओ रअणाई जहिच्छाई रत्तिआइ पाअअंमि रयणाअरअंमि रसणेउरभावमणीण पिए रसणेउरभावमणीण जुअस्स लच्छी रिद्धी बुद्धी वइआलिअअं दुमत्तआ वइआलिअअस्स पाअअंमि वइआलिअउवछंदस वइआलिअसमपाए वणराई वंसत्था वत्थुअगीइअमज्झे वारणजोहरह वारणणरेंदसंदण वारणबाण जोहो विअआइ पिए विउलाइ पाआ विउला चवला सुमुही विच्छित्तीय दुमत्तं विणया सरस्सई वित्ताण वण्णगणणं वित्ते जित्तिअसंखा वित्थारिअआणुमएण विरमहाणएसु पसअच्छि विरमणिरूविअबाणए विसमच्छंदपाअ विसमहाणाविरुद्ध विसमंकेसु अचमरं विसमंमि पिए तिण्णि विसमा तणुमज्झा वैआलिअअं रसौ संखं ठवेह पढमं संदणअं रहंग 3.16 3.15 3.23 3.18 3.47 3.4 2.15 4.91 2.11 6.45 6.41 4.37 4.56 4.83 3.33 2.3 6.14 4.20 4.73 4.23 4.92 2.8,9 3.40 6.13 4.15 6.37 3.46 1.33 4.40 4.29 4.24 6.31 4.66 2.16 4.28 6.24 4.33
SR No.023458
Book TitleVruttajatisamucchaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH D Velankar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1962
Total Pages194
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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