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________________ ११२ . सटीको वृत्तजातिसमुच्चयः रस II (1.29) राजन् . नरेन्द्र = ISI रूप s. स्वरूप =I वसुधाधिप s. नरेन्द्र = ISI वारण 5. गज%3D4 वारणेन्द्र इ. गज%3D4 विप्र IIII (1.18) विभूषण s. आभरण=S विषधर s. भुजगेन्द्र = IIIS विषम uneven, used of पाद, गण or स्थान (1.32) विहगनाथ s. गरुड= SIS विहगाधिपति s. गरुड = SIS विहंगपति s. गरुड =SIS वैजयन्ती s. ध्वजपट = IS शक्तिदण्ड s. प्रहरण 35 शब्द I (1.29) शर . प्रहरण 35 शरासन . प्रहरण =5 शिलीमुख . प्रहरण=5 संयुग s. समर =even सम even, used of पाद, गण or स्थान (I.32) समर even (I.32) समराङ्गण . समर =even समुद्र . सागर =uneven सागर uneven, used of पाद, गण or स्थान (1.32) सामन्त s. नरेन्द्र = ISI सुपर्ण s. गरुड = SIS सुरगज ISS (I.27) सुरवारण s. सुरगज = ISS सुरहस्तिन् s. सुरगज = ISS स्तन s. पयोधर = ISI स्तनभार . पयोधर=ISI स्पर्श I (1.29) स्यन्दन s. रथ%3D4 स्वरूप I (1.29) हरि . तुरंग%=4 हस्त s. करतल =IIS हस्तिन् s. गज=4 हार . आभरण=s हारलताs. आभरण=S
SR No.023458
Book TitleVruttajatisamucchaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorH D Velankar
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishtan
Publication Year1962
Total Pages194
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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