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________________ लुट वड लह अपोणिष्यत् । तिङन्तार्णवतरणिः-पकारादिपरस्मैपदानि। ४६१ पुष-पुष्टी- लट् पुष्यति- पुपोषिय-पुपोष्ठ-पोष्ठा-अपुषत् सष-दाहे- लट् लिट् लुङ् * प्र. ए. पति- पुलोष- अलपत् प्युसोत्येके- प्युयति पुग्योस अप्युसत् ए-प्रीती- अनुः-लद- पृणोति एड-मुखने- शः लट् लिट् प्र. प. पृडति पपर्ड पाडता . पर्डिष्यत अपर्डीत एण-प्रीणने- लट् लिट् " प्र. ए. पृति पपर्ण पर्णिता अपर्णात् अणिष्यत् पुण-कर्मणिशुभे- लट् लिट प्र. ए. पुति- पुपोण पोणिता पुर-प्रयगमने- लट् लिद लुट प्र. ए. पुरति पुपोर पोरिता अपोरिष्यत् पुट-संक्रेषणे- लट् लिट् लुट प्र. ए. पुटति पुपोट पोटिला अपोटीत् अपोटिष्यत् पुड-उत्सर्ग- लट् लिट् लट्, लुङ्ल ङ प्र. ए. पुडति- पुपोड पोडिति- अपुडत् अपोडप्यत् प्रच-डोण्यायां- लद प्रति- लिट्- पपृच्छ पिश-अवयवे- लट् पिर्शातपि-मता- लट्- पितिपच्छ-डोप्सायां- लट् लिद लुट प्र. ए. पृच्छति पच्छिथ पप्रच्छ प्रत्यति अप्रातीत् पृ-पालनपुरणयोः ना लट् लिट् - लट् . प्र• ए. पृणाति पातुः-पपरतुः परीता-परिता प्री-गती-प्नीनातिमुष-पुष-खेहनसेवनपूरणेषु-प्रुष्णाति- प्रष्णाति पुष-पुष्टौ- पुष्णाति पीड-अवगाहने-स्वार्थणिच्- लद . . ....... म. ए. पीडयति पीपिडाल-पत्रिपीडत
SR No.023457
Book TitleTidantarnavatarani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanvada Gopalkrishnacharya Somayaji
PublisherE J Lazarus and Co
Publication Year1897
Total Pages620
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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