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________________ सामाचारियों के भेद (रहस्य) बतलाते हैं, विनीतपुत्रों को ही माँ-बाप शुभाशीर्वाद देकर कृतार्थ करते हैं। इसी से कहा जाता है कि- विनय से ज्ञान, ज्ञान से दर्शन, दर्शन से चारित्र और चारित्र से मोक्ष (सदा शाश्वत सुख ) प्राप्त होता है। जहाँ विनय का अभाव है वहाँ धार्मिक तत्त्वों की प्राप्ति नहीं हो सकती, और न कोई सद्गुण ही मिल सकता है, अतएव विनयवान् पुरुष ही धर्म के योग्य होता है। १६, कृतज्ञता - उपकारी पुरुषों के उपकारों को नहीं भूलना। प्रत्येक मनुष्य को चाहिये कि - निरन्तर कृतज्ञ गुण को धारण करें, किन्तु कृतघ्न नहीं बनें। जो लोग कृतज्ञ होते हैं उनकी प्रशंसा होती है, और सब कोई उनके सहायक बनते हैं। संसार में माता-पिता, कलाचार्य (विद्यगुरु ) और धर्माचार्य आदि परमोकारी कहे जाते हैं। माता-पिता अनेक कष्ट उठाकर बचपन में पालन-पोषण करते हैं, और सुख-दुःख में सहायक बनते हैं। कलाचार्य — पढ़ना-लिखना, व्याख्यान देना, बाद विषयक ग्रन्थों की युक्ति बताना, सांसारिक व्यवहार सिखाना इत्यादि शिक्षाओं को देकर उत्तमता की सीढ़ी पर चढ़ाते हैं । धर्माचार्य — धर्म और अधर्म का वास्तविक स्वरूप दिखलाकर धर्ममार्ग में स्थित करते हैं, और दुर्गतिदायक खोटे मार्गों से बचाकर सुखी बनाते हैं। इसलिये इन पूज्यपुरुषों के उपकार को कभी भूलना नहीं चाहिये। जो पुरुष इनके उपकारों को भूल जाता है, वह कृतघ्न कहलाता है, और वह सर्वत्र ही निन्दा का पात्र बनता है। मनुष्यों को चाहिये कि पूर्वोक्त उपकारी पुरुषों की शुद्धान्तःकरण से सेवा करते रहें, और वे जो आज्ञा देवें उसके अनुसार चलते रहें, तथा ऐसा कार्य कभी न करें कि जिससे उनके कुल और कीर्ति को लाञ्छन लगे । यों तो जन्म पर्यन्त सेवा करने पर भी माँ-बाप कलाचार्य और धर्माचार्य के उपकार रूप ऋण से मुक्त कोई नहीं हो सकता, परन्तु वे यदि विधर्मी हो, या धर्म में उनको किसी तरह की बाधा पड़ती हो तो उसको मिटाकर शुद्धधर्म में स्थिर किये जावें तो उपकाररूप ऋण से मुक्त होना संभव है। अतएव कृतज्ञगुणसम्पन्न मनुष्य ही धर्म के योग्य हो सकता है, न कि कृत उपकारों को भूलने वाला । ५८ श्री गुणानुरागकुलक
SR No.023443
Book TitleGunanuragkulak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJinharshgani, Yatindrasuri, Jayantsensuri
PublisherRaj Rajendra Prakashak Trust
Publication Year1997
Total Pages200
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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