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________________ शरीर निरोगी मल. स्त्री, पुत्र परिवार मलवो, धन मलवं, अनुकुल माणस नोकरो मलवा, ने जे जे वखत जे जे बा थाय ते मल. विद्याकला शीखवी ए बधो लानांतराय कर्मनो कयोपशम यो होय तो मले तेमां थोमो क्षयोपशम थयो होय तो मोहुँ मले. विशेष यो होय तो विशेष मले. अने जे जे वस्तुनो अंतराय होय ते ते लान मली शके नहि.नत्तम पुरुषोए एकमनुं स्वरूप जाण्यु .तेथी ए वस्तु नथी मलती तेनो संताप करता नथी. मनमां कलेश जेहने प्रावे २ ते पण विचारे .के पूर्वे लानांतराय कर्म बांध्युं . तेथी नश्री मलतुं. पूर्वे कर्म बांधती वखत विचार कर्यो नहि. ने हवे संताप करे .ते शंकामनो. प्राम विचारश्री संतोषमा रहे . तेथी लानांतराय कर्मनी निर्जरा करे . विशेष नत्तम पुरुषने तो विचारवू पण नथी पमतुं. सदेजे समन्नावमांज रहे . जे थाय ते जागवानो श्रामानो धर्म . तेमां रही जाणी ले ले पण विकल्पो करता नश्री. अज्ञानी जीवो ने ते लान्न नथी मलतो, त्यारे पारकाना दोष काढे . केटलाएक देवने दोष आपे . अहो देव तेंआ शंक यु ? में ताहरु शु बगामथु हतुं वली सामा मागस साथे लमे, चीमई जाय. वैदनी साथे काम पामयुं होय ने सारं श्रवानो लान न मख्यो तो तेना नपर ष करे . एमज लान्न मलवाथी फुल जाय डे अहंकार करे ले हुं केवो धनवान बुं. हुं केवो हुँ शीयार बुं के जे व्यापार करुं बुं तेमां पेदाशज करुं बु. खोट जायज नदि. लालज मले. राजा होय तो राजनो लान मख्यानो वा राजमां व्याजबी पेदाश पाय वा गेरवाजची रीते लोक नपर जूलम करी पैसा लश लान मेलवी तेनो अहंकार करे.वली कारनारी होय ते लोको पासे लांच लई लान्न मेलवी तेनो अहंकार करे, वा लोक नपर जूलम करे. राजा खुशी भई मान
SR No.023346
Book TitleAdhar Dushan Nivarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnopchand Malukchand Sheth
PublisherAnopchand Malukchand Sheth
Publication Year1903
Total Pages232
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size18 MB
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