SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 211
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( १०३) शोखवानी बुद्धि नष्ट थाय ने. वेपारनी रीतनी खबर पमती नथो नामानी रीत पण शीख। शकतो नथी, एसट्टानाधंधावालाने बोजा वेपारनी वाकेफगारी थती नथी. तेथी कदापि सट्टाना धंधामां नुकशान गयुं, तो पठी सुखीयवाना वखतनी मुश्केली. वली ए धंधाथी माणस वांकु बोलवू, खुच्चाइ करवी, एवी अनेक रीतो खोटी शीखे ,कोश्क नाग्यशालीन शीखे तेने एउपको नथी; पण ए निमित्त एवं . ए वेपारवालाने पोतानी पासे रु.५००) आपवानी शक्ति होय अने पांच हजार खोट जाय एवो वेपार करे त्यारे हवे नुकशानी क्याथी पापीशं. ए फीकर रही नही. ने खोट जाय तो देवालुं काढQज पमे, अने पागे फरी पेदा करे तो ते आपवानी दानत रहेती नथी तोए अन्याय के शुं ? ए वेपार लांबो केम करी शकेले के वेपारमा पैसा रोकवा पमतां नथी. जो रोकवा पमे तो लांबो वेपार सहेजे थाय नही. वली जुगार अने आ नामफेर ले. जुगारमां पण पैसा जोश्ता नथी फक्त एकी वा बेकी बेमांथी एक बोलवामां आवे ते साचुं पमे तो जीते ने तेम आंकना धंधामां पण एज रीत. कलकत्तेथी मलतो आंक आवे ते जीते जे ने नफो ले तो बे रीत एक . हालमां. सुरतमां बाश्न पण ए वेपार करवा लागी . प्रा स्थितीने आपणी श्रावक कोम पोहोंची .हवे सुख। शी रीते थाय? सट्टामा एक पेदा करे अने एक खुए त्यारे एक श्रावक सुखी अयो अने एक सुखी थयो, तेमां कांश बहारथी पैसो आव्यो नही अने बीजा वेपारमां तो माल देशावर चमावे वा मंगावे तेमां फायदो थाय बे. या को कहेशे श्रावक सिवाय बीजी कोम शुं सट्टानो धंधो नथी करता ते विषे जाणवू जे बही कोम करे पण घणुं करी श्रावकनी वस्तिना प्रमाणमां श्रावक घणा सट्टाना धंधा करनार निकले . म्होटा शहेरोमां दलालो अने सट्टाना धंधा करनार वधारे
SR No.023346
Book TitleAdhar Dushan Nivarak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAnopchand Malukchand Sheth
PublisherAnopchand Malukchand Sheth
Publication Year1903
Total Pages232
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy