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80 :: पासणाहचरिउ
पार्श्व प्रभु के चतुर्विध- संघ की गणना एवं सम्मेदाचल (वर्तमान झारखण्डप्रान्त में स्थित ) पर उनका मोक्ष-गमन
आश्रयदाता के प्रति कवि की कल्याण-कामना, रचना स्थल एवं
रचना- काल की सूचना एवं बुधजनों तथा लेखक-कवियों से उसकी विनम्र प्रार्थना पुष्पिका
नट्टल प्रशस्ति एवं प्रतिलिपिकार प्रशस्ति आवश्यक टिप्पणियाँ
शब्दानुक्रमणिका
सन्दर्भ ग्रन्थ-सूची
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