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________________ जोइ - योगी 10/4/7 जोइस-सुअ - ज्योतिष-श्रुत-शास्त्र 2/17/3, 6/5/10 जोड - जोडना 1/10/1 जोणि - योनि 10/5/10 जोव्वण - यौवन 10/13/10 जोह - योद्धा 5/6/5 झंकार - झनकार 11/19/6 झंप – (Jump) फूंदना 8/2/10 झंपण - झाँपना, झाँकना, 2/5/6 झंपिउ - झाँपा, ढाँका 11/10/8 झंपियउ - बँक लिया 11/11/18 झति - शीघ्र 4/11/7 झलमल - झलमलाना-(ध्वन्यात्मक) 8/2/11 झल्लरि - झालर 2/11/4 झस - मछली 1/19/9 झसर - युद्धास्त्र 7/10/4 झाडतउ - झड़ाना, झड़वाना 7/9/9 झिंदुअ - झिन्दुक, झींगुर 11/9/2 झुणं - ध्वनि 6/8/1 टउह - पलाश 7/2/8 टक्क - टक्क नामका देश 2/18/10 टक्कार - टनकार 7/2/8 टणटणिय - (ध्वन्यात्मक) टणटण की आवाज 2/2/2 टलटलिय - (ध्वन्यात्मक) टलटलाना 8/2/7 टसत्ति – (ध्वन्यात्मक) टसटसाकर 1/10/1 टालंतउ - टालते हुए 7/10/11 टिविल - एक प्रकार का टणटण करने वाला वाद्य 2/17/15 ठंति - स्थित, ठहरना 7/14/21 ठवंतउ – रखते हुए 3/2/9 ठवेज्ज - स्थापित 3/16/2 ठवेप्पिणु - स्थापित कर 2/6/4 ठाइवि- रखकर, ठहरकर 4/7/10 ठा - ठाहे - ठहरिये, ठहरिये 11/24/12 ठाण - स्थान 3/19/2 ठाय - स्थितकर 4/7/10 डंभ - आडम्बर 10/9/5 डज्झ - दग्ध 7/6/20 डमरु - डमरु 7/15/7 डाइणि - डाकिनी 7/15/14 डामर - सुरत-देवता (कामदेव) 8/6/11 डामरु - डमरु नामक वाद्य 8/9/9 डालु -डाल, शाखा 2/16/3 डिंडीर-पिंड - फेन-पुंज 1/2/7 डोहइ - मन्थन करना 4/14/10 डोहिय - मथित, बिलोड़ित 12/3/9 ढाल – ढालना, छोड़ना 6/8/5 ढिल्ली - दिल्ली 1/2/16 दुक्क - दूँका, झाँकना 3/17/11, 4/19/7 दुक्का -दुका 3/18/6 णंदण वण - नन्दन-वन 4/2/6 णंदय - नन्दक (एक प्रकार का मध्यकालीन शस्त्र) 7/13/10 णंदीसर - नन्दीश्वर-द्वीप 9/20/6 णउलोरय - नकुल-उरग, नेवला एवं साँप 7/1/19 णक्खत्त - नक्षत्र 1/5/13 णच्चंत - नृत्य करते हुए 1/17/14 णज्जवि - जानकर 12/7/5 णट्टलु - नट्टल साहु (आश्रयदाता) 1/5/13, 1/6/11, 1/7/10, 1/7/8, 1/9/8, 1/10/6, 5/15/19 णट्टसाल – नृत्यशाला 8/8/15 णट्ठ - नष्ट 6/10/11 णडु - नट 4/9/8, 10/10/2, 10/10/10 णण्णु - अन्य कोई नहीं (आद्य स्वरलोप) 2/1/15 णमंसिउ - नमस्कार किया 4/2/10 णय - नय 1/5/1 णयमग्ग - नयमार्ग, न्यायमार्ग 10/14/1 णयरु - नगर 3/5/4, 7/1/18, 7/18/12, 10/19/10 णरट्ठि - मनुष्यों की हड्डी 4/14/1 णरुत्तम - नरोत्तम, उत्तम पुरुष 11/8/2 णलिण - नलिन, कमल 1/18/14 णलिणपत्त - कमलपत्र 1/19/10 णलिणायर - कमल की खान, कमल-समूह 1/19/10 णवकोडि - नवकोटि विशुद्ध आहार 12/13/11 292 :: पासणाहचरिउ
SR No.023248
Book TitlePasnah Chariu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2006
Total Pages406
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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