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शब्दानुक्रमणिका
ध्यातव्य--- प्रस्तुत शब्दानुक्रमणिका में प्रथम अंक सन्धि का, दूसरा अंक उसकी कडवक
संख्या का तथा तीसरा अंक उस कडवक की पंक्ति की संख्या से सम्बन्धित है।
अ
अक्खोहिणि-बल - अक्षौहिणी-सेना (जिसमें 109350
अनुभवी पदाति - सेना, 65610 प्रशिक्षित घुड़सवार, 21870 रथ – सेना एवं इतने ही प्रशिक्षित अनुभवी हस्ति सेना सुसंगठित रहती है) 5/4/
अइकरुण – अतिकरुण 4/6/15 अइभद्द - अत्यन्त भद्र 10/1/14 अइयार – अतिचार 8/10/11 अइरावउ – ऐरावत (हाथी) 10/8/6 अइरावअ -- ऐरावत (क्षेत्र) 9/14/10 अइरूअ -- अत्यन्त रूपवान् 1/13/11 अइसुरूअ - अतिस्वरूप, अत्यन्त सुन्दर 6/5/1 अउव्व - अपूर्व 7/11/3 अलयालि - अलकावली 1/18/5 अंकए - गोदी में 2/12/12 अंकिय - अंकित, चित्रित 8/8/16 अंकुर - अंकुर 2/5/7 अंकोल्ल - अशोक वृक्ष 7/2/9 अंग - अंगदेश 2/18/10 अंगए - अंगज (पुत्र) 5/15/13 अंगण - आँगन 1/4/6 अंगणा - स्त्री 6/2/5 अंगय - अंगज (पुत्र) 8/3/17 अंगारउ – मंगल-ग्रह 9/7/6 अंगुत्थली - अंगूठी 6/12/11 अंचिय-तणु – रोमांचित शरीर 5/15/2 अंचेवि - पूजा, अर्चना कर 11/14/20 अंजण - अंजन (नामका पर्वत) 7/16/15 अंजलि - अंजुली 8/7/5 अंतरिक्ख - अन्तरिक्ष, आकाश 9/19/14 अंब - आम्र 7/2/7 अंबर - आकाश 6/4/6 अंबर - वस्त्र 6/4/6 अकंप - निर्भय 3/1/10 - अक्क - अर्क (का वृक्ष, बुन्देली-अकउआ) 7/2/9 अक्खत्त - अक्षत 10/4/12 अक्खिय - कहा (पंजाबी-आख्या) 9/3/4
अगणंत - अगणित 5/4/10 अगहण – अगहन-मास 12/18/12 अग्घवत्त - अर्घ्यपात्र 2/11/11 अच्चरिउ - आश्चर्य 4/2/16 अच्चुव - अच्युत-स्वर्ग 12/8/6 अच्छंत - स्थित, ठहरा हुआ 3/13/13, 12/3/15 अच्छरा - अप्सरा 8/7/9 अच्छोडिउ – घुमा डालना 4/8/2 अजयरु - अजगर 12/8/4 अजिय - तीर्थंकर अजितनाथ 1/1/3 अजेउ – अजेय 1/8/12 अज्जउलु - आर्यकुल 10/9/2 अज्ज-कल्लि - आजकल 10/14/7 अज्जंतु - अर्जित किया 12/13/10 अज्जबाहु - आर्यबाहु (नामका राजा) 12/11/6 अट्ट - आर्त्त-ध्यान 12/1/5 अट्ठ - आठ 10/10/7 अट्ठम - आठ 10/17/10 अट्ठाबीस - अट्ठाईस (मूलगुण) 12/7/13 अड्ढ – आढ्य (परिपूर्ण) 1/11/6 अणाउ – अनयी, अन्यायी 8/4/6 अणंगपाल - अनंगपाल नामक दिल्ली-पत्तन का
तोमरवंशी राजा 1/4/1 अणंगसरु-अनंग - सरोवर (दिल्ली स्थित) 1/3/7 अणंत - अनन्तनाथ तीर्थंकर 1/1/9 अणणीसण - असमर्थ 4/9/10
पासणाहचरिउ :: 279