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________________ तरह खोल-खोल कर समझा दिया है। पाठकोंसे हमारी विनीत प्रार्थना है, कि एक बार हमारी बात पर विश्वास कर एक प्रति अवश्य मंगवावें। अगर आपको हमारी बात पर प्रतीति हो जाय तो फिर अपने इष्ट मित्रोंसे भी मँगवानेके लिये प्रेरणा करें। मूल्य अजिल्द ३॥) सजिल्द ४॥) __ सती शिरोमणी चन्दनबाला इस पुस्तकमें सुश्राविका सती-शिरोमणी चन्दनबाला का चरित्र बड़ीही मनोहर भाषा में लिखा गया है, चन्दनबाला को सतीत्व की रक्षा करने के लिये जो-जो विपत्तिय सहनी पड़ी हैं और सतीत्व के प्रभाव से उनके जीवन में जो-जो घटनायें हो गई हैं, सो इस पुस्तक में खूब अच्छी तरह खोल-खोल कर समझा दिया गया है । जैनी व अजैनी सब को यह पुस्तक देखनी चाहिये । सती-शिरोमणी चन्दनबाला की जीवनी प्रत्येक कुल लक्ष्मियों को पढ़ना चाहिये। बालक, स्त्री, पुरुष सभी इस पुस्तकको पढ़ कर मनोरञ्जन और शिक्षा लाभ कर सकते हैं। सारी पुस्तक उपन्यास के ढङ्ग पर लिखी गई है, जिससे पढ़ने में अधिकाधिक आनन्द आता है। और पाठक को पढ़ने में ऐसा जी लगता है, कि पुस्तक छोड़ते नहीं बनती। आपने चन्दनबाला का चरित्र और कहीं पढ़ा सुना भी होगा; पर हम दावेके साथ कहते हैं
SR No.023180
Book TitleAdinath Charitra
Original Sutra AuthorHemchandracharya
AuthorPratapmuni
PublisherKashinath Jain Pt
Publication Year1924
Total Pages610
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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