________________
१
आगमिक योग में अनुशीलन के प्रयोग
प्रथम चरण (पृष्ठ १ से १५ तक)
१. जड़-चैतन्य का मिलन योग के प्रयोग में
२. ध्यान संयम और समाधि से चित्त की एकाग्रता
३. स्थिरीकरण का उपाय और परिणाम
४. आश्रव द्वार कर्म बन्धन का हेतु
५. चित्त की एकाग्रता से वृत्तियों का निरोध |