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________________ 212 भद्रबाहुसंहिता अक्षर नाम का आदि अक्षर हो तो धनु राशि; भो, जा, जी, खी, खू, खे खो, गा और गी इन अक्षरों में से कोई भी अक्षर नाम के आदि का अक्षर हो तो मकर राशि; गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो और दा इन अक्षरों में से कोई भी अक्षर नाम का आदि अक्षर हो तो कुम्भ राशि एवं दी, दू, था, झ, , दे, दो, चा और ची इन अक्षरों में से कोई भी अक्षर नाम का आदि अक्षर हो तो मीन राशि होती है। संक्षिप्त विधि आला=मेष, उवा=वृष, काछा=मिथुन, डाहा कर्क, माटा=सिंह, पाठा=कन्या, राता--तुला, नोया वृश्चिक, मू धा फा ढ,= मकर, गोसा= कुम्भ, दा चा=मीन। __ उपर्युक्त अक्षर विधि पर से अपनी राशि निकाल कर घाततिथि, घातनक्षत्र, घातवार और घातलग्न का विचार करना चाहिए। यात्राकालीन शकुन-ब्राह्मण, घोड़ा, हाथी, फल, अन्न, दूध, दही, गौ, सरसों, कमल, वस्त्र, वेश्या,बाजा, मोर, पपैया, नेवला, बंधा हुआ पशु, मांस, श्रेष्ठ वाक्य, फूल, ऊख, भरा कलश, छाता, मृत्तिका, कन्या, रत्न, पगड़ी, बिना बंधा सफेद बैल, मदिरा, पुत्रवती स्त्री, जलती हुई अग्नि और मछली आदि पदार्थ यात्रा के लिए गमन करते हुए दिखलाई पड़ें तो शुभ शकुन समझना चाहिए। सीसा, काजल, धृला वस्त्र, अथवा धोये हुए वस्त्र लिये हुए धोबी, मछली, घृत, सिंहासन, रोदन रहित मुर्दा, ध्वजा, शहद, मेढा, धनुष, गोरोचन, भरद्वाज पक्षी, पालकी, वेदध्वनि, श्रेष्ठ स्तोत्र पाठ की ध्वनि, मांगलिक गायन और अंकुश ये पदार्थ यात्रा के समय सम्मुख आवें और बिना जल का घड़ा लिये हुए आदमी पीछे जाता हो तो अत्युत्तम है। बांझ स्त्री, चमड़ा, धान की भूसी, हाड़, सर्प, लवण, अंगार, इन्धन, हिजड़ा, विष्ठा लिये पुरुष, तैल, पागल व्यक्ति, चर्बी, औषध, शत्रु, जटावाला व्यक्ति, संन्यासी, तृण, रोगी, मुनि और बालक के अतिरिक्त अन्य नंगा व्यक्ति, तेल लगाकर बिना स्नान किये हुए, छूटे केश, जाति से पतित, कान-नाक कटा व्यक्ति, भूखा, रुधिर, रजस्वला स्त्री, गिरगिट, निज घर का जलना, बिलावों का लड़ना और सम्मुख छींक यात्रा में अशुभ है। गेरू से रंगा कपड़ा, या इस प्रकार के वस्त्रों को धारण करने वाला व्यक्ति, गुड़, छाछ, कीचड़, विधवा स्त्री, कुबड़ा व्यक्ति, लड़ाई, शरीर से वस्त्र गिर जाना, भैसों की लड़ाई, काला अन्न, रूई, वमन, दाहिनी ओर गर्दभ शब्द, अतिक्रोध, गर्भवती, शिरमुण्डा, गीले वस्त्र वाला, दुष्ट वचन बोलने वाला, अन्धा और बहरा ये सब यात्रा समय में सम्मुख आयें तो अति निन्दित हैं।
SR No.023114
Book TitleBhadrabahu Samhita
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Jyotishacharya
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1991
Total Pages620
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size31 MB
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