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________________ [xiii] पृष्ठ दृष्ट त्रिगत विषय विषय ३९३ प्रवर्तक नाटक का प्राकृतत्त्व ३९५ प्रयोगातिशय अन्य रुपकों का नाटक के प्रति आमुख के दो भेद विकृतत्त्व ३९५ प्रस्तावना नाटक का लक्षण ३९५ स्थापना नाटक का प्रारम्भ ३९५ नाट्य में आमुख की योजना प्रस्तावना ३९६ वीथी के अङ्ग नान्दी ३९६ उद्घात्यक भारती वृत्तियोजना ३९८ अवगलित प्ररोचना ३९८ प्रपञ्च प्रशंसा के प्रकार ३९८ अचेतन ३९८ छल देश (स्थान) ३९९ वाक्केलि ३९९ अधिबल कथानाथ (कथानायक) ३९९ गण्ड चार प्रकार के कवि ४०० अवस्यन्दित उदात्त कवि ४०० नालिका उद्धत कवि ४०० असत्प्रलाप प्रौढ़कवि ४०१ व्याहार विनीत कवि ४०२ मृदव सभ्य ४०३ कथावस्तु प्रदर्शन का समय प्रार्थनीय ४०३ कथावस्तु के दो प्रकार प्रार्थक ४०३ सूच्य वस्तु ४०३ सूच्य वस्तु के सूचक वादक .४०३ विष्कम्भक गायक ४०३ विष्कम्भक के प्रकार नर्तक ४०३ मिश्र विष्कम्भक प्ररोचना का प्रयोग ४०४ शुद्ध विष्कम्भक आमुख ४०४ चूलिका आमुख के अङ्ग ४०५ चूलिका के प्रकार कथोद्धात ४०५ खण्डचूलिका ४०६ ४०७ ४०७ ४०८ ४०८ ४०८ ४०८. ४०९ ४१० ४११ ४१२ ४१२ ४१३ ४१३ ४१४ ४१५ ४१५ ४१७ ४१७ ४१८ ४१८ चेतन ४७८ नट ४१९ ४१९ ४१९ ४१९ ४१९ ४१९ ४२० ४२० ४२१
SR No.023110
Book TitleRasarnavsudhakar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJamuna Pathak
PublisherChaukhambha Sanskrit Series
Publication Year2004
Total Pages534
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size31 MB
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