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भयपचे
भेते
निप्रन्थ
O
संसमसं
अदाहि
१६०
१६०
१६०
१६०
१६१
१६१
पुष्प
१६३
'कौशाम्बी बिचले १६५
वर्ण
१६६
( ६ )
भवपयचे
१३
भंते
२१
निर्मन्थ
२१ से अनुसन्धित पाठ
चाहिए ? मुक्त यह
११
कहना चाहिए, पारंगत
यह कहना चाहिये, सिद्ध बुद्ध मुक्त परिनिवृत्त अंत
कृत और सर्व दुःख प्रहीण यह कहना चाहिए यथार्थ हे भगवान् ? यथार्थ है में मांस
चुल्ल कप्प सूत्र
मद्य शब्द
"वासाबासं पज्जोस बियाणं नो कप्पइ निगन्थाण वा निगन्थीण वा हट्ठाणं तुट्ठाणं आरोगाणं बलीय सरीराणं इमाओ नवरस विगइओ अभिक्खणं अभि क्खण आहारितए, तं जहा खीरं १. दर्हि २, नवणीयं ३ स ि४, तिल्लं ५, गुडं ६, महुं ७, मज्जं ८, मंसं ६ ॥१७॥
१३
१५
ou
ससमंसं
अहि
पुष्य
कौशाम्बी ने बिले