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आयंबिल वर्धमान तप
एक आयंबिल और उपवास, दो आयंबिल और उपवास, तीन आयंबिल और उपवास इस प्रकार एक एक आयंबिल को बढ़ाते बढ़ाते अन्त में उपवास करते करते सौ आयंबिल और उस के ऊपर एक उपवास करने से यह तप सम्पूर्ण होता है ।
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आयंबिल वर्धमान तप निरन्तर करते रहने से चौदह वर्ष, तीन मास और बीस दिन में पूरा होता है ।
कुल आयंबिल पांच हजार पचास और उपवास एक सौ होते | एकावन सौ पघास दिनों में यह तप पूरा किया जा सकता है।
गुणरत्न संवत्सर तप
गुणरत्न संवत्सर तप सोलह मास अथवा चार सौ अस्सी दिन में पूरा होता है । इस दिन संख्या में चार सौ सात दिन उपवास में जाते हैं, और तिहत्तर दिन पारणों में ।
१ - प्रथम मास तीस दिन का होता है । इसमें एक एक उपवास के बाद पारणे आते हैं, अतः पन्द्रह दिन उपवासों के और पन्द्रह दिन पारणों के होते हैं ।
२ - दूसरा मास तीस दिन का होता है। इसमें दो दो उपवासों के बाद पार आते है । इस के बीस दिन उपवासों में और दश दिन पारणों में जाते हैं ।
३ – तीसरा मास बत्तीस दिन का होता है । इसमें तीन तीन उपवासों के अन्त में पारा किया जाता है। इसके चौबीस दिन उपवासों में और आठ दिन पारणों में व्यतीत होते हैं ।