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.३५.५:२६ तथा ३, ५, २.४, १, तथा २७.४, १,३४, और१, .३, ५, २, ४, उप्रवास और पारणा करेगा। .. ।
• इस तपकी तीसरी परिपाटी में ३,२१,५,४ तथा १, ५, ४,.३, २, वथा.४, ३, २, १, ५ तशा २,२, ५,४,३, और ५,४, .३.११, १, उपास और पारणा करेगा.। . ... ... .. ...
- इसतम की चौथी परिपाटी में ३,१, ४, २, ५, तथा २९५, ३, १४, तथा १, ४ , ब्रवार, ३,१७४, २, और४६२, ५,३,., अपवास करके पारणा कडेगा,.15 . महा सर्वतोभद्र तपै ..... __महा सर्वतोभद्रं तप का भी क्रम लघु सर्वतो भद्र के जैसा ही है । लघु की एक पंक्ति में पांच अंक होते हैं, तब इस "महासर्वतो भद्र" की एक पंक्ति में सात अङ्क रहते हैं। उसमें एक पंक्ति के अङ्कों की जोड़ पन्द्रह है, तब इसको एक पंक्ति के अङ्कों की जोड़ अठाईस होते हैं। इस कारण इसकी एक परिपाटी के तपोदिन 'एक सौ छयानवें और पारणा के दिन उन पचास मिलकर कुल दिन दो सौ पैंतालीस होते हैं। जो महीनों में आठ मास पाँच दिन के बराबर होते हैं, और चारों परिपाटियों का समय दो वर्ष
आठ मास बीस दिन होता .. महासर्वतोभद्र तप करने वाला प्रथम १, २, ३, ४, ५, ६, उपवास करके फिर ४, ५, ६, ७, १, २, ३, फिर ७, १, २, ३, .. १. ग्रन्थान्तर में इस तप का नाम महानिमा लिखा मिलता है।