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अर्थात्-मुनि, मार्जार, अगस्ति वङ्गसेन इत्यादि अगस्त्य
वृक्ष के नाम हैं ।
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मार्जार शब्द निघण्टु में रक्तचित्रक का भी पर्याय बताया है ।
संस्कृत में कुक्कुर नाम कुत्त े का पर्याय बताया गया है और प्रत्येक पाठक कुक्कुर से 'कुत्ता' अर्थ ही समझेंगे; परन्तु यह शब्द ग्रन्थिपर्ण (गंठिवन ) वनस्पति के नामों में भी परिणत किया है। जैसे:
"प्रन्थिपर्णे पिष्टपणं विकीर्ण शीर्णरोमकम् ।
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XI.
कुक्कुरं च "निघण्टु शेष" अर्थात - श्लिष्टुपर्ण, विकीर्ण, सार्णरोमक, कुक्कुर, ग्रन्थिपर्ण (गंठिवन ) के नाम हैं ।
'पल' शब्द आजकल एक जाति के तोल, काल विशेष और मांस के अर्थ में हो प्रसिद्ध है, परन्तु पहले 'पल' शब्द का अर्थ धान्य का भूसा भी होता था । जैसे:
पलः,
पललो, धान्यत्वकू, तुषो वुसे कडङ्गरः । अभि० चि० अर्थात् - पल, पलल, धान्यत्वक, तुष और कंडगर ये भूसे के नाम हैं ।
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नाम से आज कल के सामान्य विद्वान बकरा और विष्णु का बोध कराते हैं । परन्तु इस शब्द के अन्य भी अनेक अर्थहोते हैं । जैसे