________________
बनस्पत्यंग मांस
१३० धनस्पत्यंगों और प्राण्यंगों की समानता
. १३४ वर्ण के ऊपर से पदार्थों के नाम उन शब्दों की अनुक्रमणिका जो प्राबधारीऔर वनस्पति ।.१४८ । पाचफ हैं। जैन साहित्य में प्रयुक्त मांस मत्स्यादि शब्दों का वास्तविक
अर्थ
१५३
१६४
निशीथाध्ययन नवमोद्देश में
१५८ निशीथाध्ययन के ग्यारहवें उद्देश्य में
१५६ दश वैकालिक पिण्डैषणाध्यायके प्रथमोहश में २५६ सूर्य प्रज्ञप्ति सूत्र में नक्षत्र भोजन
१६१ मार्जार कृत कुक्कुट मांस क्या था उक्त संस्कृतादि सूत्रों के अवतरणों का स्पष्टीकरण चैदिक तथा बौद्ध ग्रन्थों में मांस आमिष शब्दों का प्रयोग २०५ चौद्ध साहित्य में भिक्षान के अर्थ में मांस, आमिष शब्द का प्रयोग
२०६ देवदत्त क्या चाहता था
२११ भोजनार्थ में आमिष शब्द का प्रयोग
चतुर्थ अध्याय प्रामुक भोजी जैन श्रमण
२२५ जैम श्रमण की जीवन-चर्या योग्यता सामायिक चारित्र का प्रतिज्ञा पाठ
२२६