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________________ પર ગ્રંથનું નામ ક્રમ २४३. श्री पाक्षिकसूत्रवृत्ति बालावबोध २४४. श्री उपदेशमालावृत्ति २४५. श्री उपदेशमाला स्तबक २४६. श्री उपदेशमाला पदार्थ २४७. श्री समकितशल्योद्धार २४८. श्री संसारदावा २४९. श्री वाङ्मयाष्टक २५०. पुन: श्री भगवतीसूत्रवृत्ति २५१. पुनः आवश्यकबृहद्वृत्ति २५२. पुन: श्री पंचवस्तुक २५३. पुनः आवश्यकनिर्युक्ति २५४. पुनः आवश्यकचूर्णि २५५. पुन: श्री आवश्यकदीपिका २५६. श्री श्राद्धप्रतिक्रमणचूर्णि २५७. श्री सतपदी ग्रन्थ २५८. पुन: श्री प्रतिक्रमणगर्भहेतु स्वाध्याय २५९. पुनः प्रवचनसारोद्धार वृत्ति २६०. पुन: श्री आवश्यकचूर्णि २६१. श्री पाक्षिकसूत्रवृत्ति २६२. श्री ठाणांगसूत्रवृत्ति २६३. श्री जीवाभिगमसूत्र वृत्ति अनुक्रमेण ચતુર્થસ્તુતિયુક્તિનિર્ણયછેદનકુઠાર - પ્રસ્તાવના કર્તા નામ श्री ज्ञानविमलसूरिजी कृत महोपाध्याय श्री रामविजयजी कृत श्री प्राचीनाचार्यजी कृत श्री वृद्धिविजयजी कृत श्री आत्मारामजी आनंदविजयजी कृत श्री हरिभद्राचार्य कृत श्री प्राचीनाचार्य कृत श्री अभयदेवाचार्य कृत श्री हरिभद्रसूरिजी कृत श्री हरिभद्राचार्यजी कृत चौदपूर्वधर श्री भद्रबाहुस्वामीजी कृत श्री पूर्वधराचार्य कृत श्री पूर्वाचार्य कृत चन्द्रगच्छीय श्री विजयसिंहाचार्यजी कृत श्री पासचंदसूरिजी कृत श्री यशोविजयजी उपाध्यायजी कृत श्री सिद्धसेनसूरिजी कृत श्री पूर्वधराचार्य कृत श्री पूर्वाचार्य कृत श्री गणधरदेव तथा श्री अभयदेवसूर कृत श्री गणधरदेव कृत श्री मलयगिरिआचार्यजी कृत
SR No.022852
Book TitleChaturthstutinirnay Shankoddhar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhanvijaymuni
PublisherSaudhrm Bruhat Tapogacchiya Tristutik Jain Shwetambar Sangh
Publication Year2009
Total Pages494
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size36 MB
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