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________________ 58 आधुनिक हिन्दी-जैन साहित्य 42वां पद 'अब हम अमर भये, ना मरेंगे' और अन्त का पद 'तुम ज्ञान मिलो फूली बसन्त' ये दोनों धानतराय जी के हैं।" अध्यात्म एवं साधना पक्ष के वह सिद्ध कवि थे। उन्होंने सांसारिक समृद्धि के बदले प्रभु-भक्ति की ही चाह सदैव की है, क्योंकि ऐसे जिन चरण चित्त, पद लाऊं रे मना, ऐसे एहि अरिहंत के गुण गाऊं रे मना। उदर-भरण के कारण गऊंवा वन में जाय, चारों चरे चहुं दिशि फिरे, बाकी सुरत बछवां मांय। जिस प्रकार गाय जंगल में घूमती-फिरती है, लेकिन दिल तो अपने बछड़े में रहता है, उसी प्रकार सांसारिक कार्य करते रहने पर भी मन तो भगवान के ध्यान में लगा रहना चाहिए। प्रभु तो कवि का 'अनमोल लाल' है, उस अनमोल का मोल जौहरी कैसे कर सकता है? जौहरी मोल करे लाल का, मेरा लाल अमोला, ज्याके परन्तरका नहीं, उसका क्या मोला? 'आनंदधन' का भाव उदार था। वे अखण्ड सत्य के पुजारी थे। उसको कोई राम, रहीम, महादेव और पारसनाथ कुछ भी कहे, आनंदधन को इसमें कोई आपत्ति नहीं थी। उनका कथन था कि जिस प्रकार मिट्टी एक होकर भी पात्र भेद से अनेक नामों द्वारा पहचानी जाती थी, उसी प्रकार एक अखण्ड रूप आत्मा में विभिन्न कल्पनाओं के कारण अनेक नामों की कल्पना की गई है राम कहो, रहमान कहो, कोऊ काम कहो महादेवरी। पारसनाथ कहो, कोऊ ब्रह्मा, सकल ब्रह्म रचयमेवरी। भासन-भेद कहावत नाना, एक मृत्तिका रूप री। तैसे खण्ड-कल्पना रोपित, आप अखण्ड सरूप री राम॥ यशोविजय जी भी आनंदधन जी के समकालीन थे। सत्रहवीं शती के अन्त में (सं० 1680 से 1745) ही उन्होंने लिखना प्रारंभ कर दिया था। उनके ग्रन्थों की रचना करीब 300 से ऊपर की बताई जाती हैं, जो संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, हिन्दी तथा गुजराती भाषा में लिखी गई हैं। गुजराती होने पर भी विद्योपार्जन के सिलसिले में काशी और आगरा में रह चुकने से शुद्ध हिन्दी पर पूर्ण अधिकार रखते थे। आचार्यत्व के साथ-साथ उनमें कवित्व की मौलिक सूझ-बूझ भी भरी पड़ी थी। उनके 75 पदों का संग्रह 'जसविलास' नामक ग्रन्थ 1. द्रष्टव्य-पं० नाथूराम प्रेमी-हिन्दी जैन साहित्य का इतिहास, पृ० 61. 2. द्रष्टव्य-डा. प्रेमसागर जैन-हिन्दी जैन भक्ति काव्य और कवि, पृ. 210.
SR No.022849
Book TitleAadhunik Hindi Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaroj K Vora
PublisherBharatiya Kala Prakashan
Publication Year2000
Total Pages560
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size39 MB
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