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एक समय महाराजा प्रतापसिंह वन विहार के लिये मये हुए थे । वहां उनके सामने बड़ी तेजी से कुछ गुप्तचर प्राये और इस प्रकार अपनी पुकार महाराजा को सुनाने लगे।
हे देव ! नैऋत्य कोल के समुद्रतट पर रत्नपुर और कण-कोहपुर नाम के दो नगर हैं। वहां के मल्ल और महामल्ल नाम के दोनों राजाओं ने मिलकर अपनी सीमा का उल्लंघन कर देश गांव और पुरों को नष्ट कर दिये हैं। साथ ही बड़े वेग से उनकी फौजे इधर की तरफ बढ रही हैं।
यह बात सुनकर महाराज एकदम राजमहल को लौट भाये । सेनाधिपति को सेना सनाने और रण दुदुभि