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________________ (e) दिया । शास्त्र द्वारा बतलाये हुए गुखबाले 'सुमका और सीधे उस वांस को उन्होंने चीरा। उसमें से दो मोती निकले । कुमारने मित्र से कहा- दोस्त ! यह बड़ा मोती नंर और यह छोटा दाना नारी है । • नर नारी का जोड़ा ही संसार में अग्रगामी होता है। दोनों में एक दूसरे की रक्षा का भार बंटा हुआ, हैं। अपन भी आज उसी कर्तव्य - भार से प्रेरित हुए आगे बढ रहे हैं। मदन मंजरी की अवस्था याद करता हूँ दिल बेचैन हो जाता है। उसे ढूंढ कर ही दम में दम लूंगा यही मेरी प्रतिज्ञा है, क्यों ठीक हैं न १ गुणचन्द्र ने. कुमार की कर्तव्य परायणता सराहते हुए कहा अवश्य अवश्य । इस प्रकार विनोद पूर्ण बातें करते हुए कुमार श्रीपर्वत नाम के एक उंचे और मनोरम पहाड़ की तलहट्टी में जा पहुँचे । अचानक उन्हें कोई स्त्री के करुण आक्रंदन की आवाज सुनाई दी । कुमार मित्र के साथ उसी ओर चले । वह शब्द उंचे से आ रहा था, कुमार मी उंचे चढे | वहां उनने एक भीलनी को रोते देखी । बहिन ! क्यों रो रही हो १ तब भीलनी ने कहा- इस पहाड़ का नाम श्रीमिरि है। यहां से थोड़ी ही दूर वीखापुर नाम का एक ★
SR No.022727
Book TitleShreechandra Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharya
PublisherJinharisagarsuri Jain Gyanbhandar
Publication Year1952
Total Pages502
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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