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(१२) पू. पिताश्री पूनमचंदजी मातुश्री भुरीबाई के स्मरणार्थे पुत्र पुखराज, पुत्रवधु लीलाबाई पौत्र
फुटरमल, महेन्द्रकुमार, राजेन्द्रकुमार, अशोककुमार मिथुन, संकेश, सोमील, बेटा पोता परपोता शा. पूनमचंदजी भीमाजी रामाणी गुड़ाबालोतान
'नाकोडा गोल्ड', ७०, कंसारा चाल, बीजा माले, रुम नं. ६७, कालबादेवी, मुंबई-२. (१३) शा. सुमेरमल, मुकेशकुमार, नितीन, अमीत, मनीषा, खुशबु बेटा पोता पेराजमलजी
प्रतापजी रतनपुरा बोहरा परिवार, मोदरा (राज.) राजरतन गोल्ड प्रोड. के.वी. एस.
कोम्प्ले क्ष, ३/१, अरुंडलपेट, गुन्टूर (आ.प्र.) (१४) एक सद्गृहस्थ, धाणसा. (१५) गुलाबचंद डॉ. राजकुमार छगनलालजी कोठारी, अमेरीका, आहोर (राज.)
शा. गुलाबचंद वस्तीमल, गोदावरी स्ट्रीट, राजमहेन्द्री (A.P.) (१६) शांतिरुपचंद, रविन्द्रचंद, मुकेश, संजेश, ऋषभ, लक्षित, यश, ध्रुव, अक्षय बेटा पोता
मिलापचंदजी महेता, जालोर - बैंगलोर. शांतिरुपचंदजी मिलापचंदजी फोलावास, जालोर. (१७) वि.सं. २०६३ में आहोर में उपधान तप आराधना करवायी एवं पद्मावती श्रवण के उपलक्ष
में पिताश्री थानमलजी मातुश्री सुखीदेवी, भंवरलाल, घेवरचंद, शांतिलाल, प्रवीणकुमार, मनीष, निखिल, मित्तुल, आशीष, हर्ष विनय, विवेक बेटा पोता कनाजी हकमाजी मुथा,
शा. शांतिलाल प्रवीणकुमार एन्ड को. राम गोपाल स्ट्रीट, विजयवाडा. भीवंडी, इचलकरंजी. (१८) बाफनावाड़ी में जिन मन्दिर निर्माण के उपलक्ष में मातश्री प्रकाशदेवी चंपालालजी की
भावनानुसार पृथ्वीराज, जितेन्द्रकुमार, राजेशकुमार, रमेशकुमार, वंश, जैनम, राजवीर, बेटा पोता चंपालाल सांवलचन्दजी बाफना, भीनमाल. नवकार टाइम, ५१, नाकोड़ा
स्टेट, न्यु बोहरा बिल्डींग, मुंबई - ३. (१९) शा. शांतिलाल, दिलीपकुमार, संजयकुमार, अमनकुमार, अखीलकुमार, बेटा पोता
मूलचंदजी उमाजी तलावत आहोर (राज.) राजेन्द्र मार्केटींग, पो.बो.नं. - १०८, विजयवाडा. (२०) श्रीमती सकुदेवी सांकलचंदजी नेथीजी हुकमाणी परिवार, पांथेडी, राज.
राजेन्द्र ज्वेलर्स, ४ - रहेमानभाई, बि.एस.जी. मार्ग, ताडदेव, मुंबई - ३४. (२१) पूज्य पिताजी श्री सुमेरमलजी की स्मृति में मातुश्री जेठीबाई की प्रेरणा से जयन्तिलाल, ___ महावीरचंद, दर्शन, बेटा पोता सुमेरमलजी वरदीचंदजी आहोर, जे.जी. इम्पेक्स प्रा. लि..
५५, नारायण मुदली स्ट्रीट, चेन्नई – ७९. (२२) स्व. हस्तीमलजी भलाजी नागोत्रा सोलंकी की स्मृति में हस्ते परिवार, बाकरा (राज.) (२३) मुनि श्री जयानंदविजयजी की निश्रा में लेहर कुंदन ग्रुप द्वारा शत्रुजय तीर्थे २०६५ में
चातुर्मास उपधान करवाया उस समय के आराधक एवं अतिथि के सर्व साधारण की आय में से संवत २०६५.