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" श्रद्धास्निग्ध .. - समर्पण जिन के जीवन में तप की गाड़ संयम की
यमुना और समता की सरस्वती का त्रिवेणी संगम पुनः पुनः दर्शनीय, वर्णनीय और श्लाघनीय है, उन प्रयाग तीर्थ स्वरुपा समाराध्या श्रद्धास्पदा तपसिद्ध योगिनी उग्रतपस्विनी गुरुणी तपोनिधि साध्वी
श्रेष्ठा वात्सल्य वारिधि। श्री सुमित्रा जी म. एवं श्री सन्तोषजी म. 90 के पाणिपद्मों में POn
सश्रद्धा - सभक्ति " साध्वी सुप्रिया (मन्जु बाला),