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________________ जैन दर्शन के परिप्रेक्ष्य में आदिपुराण सिद्धान्तसार संग्रह, श्री जीवराज जी, जीवराज जैन ग्रन्थमाला, जैन संस्कृति संरक्षक, संघ शोलापुर, प्र.सं. ई, 1957 350 सुभाषित रत्न संदोह निर्णय सागर प्रेस, बम्बई, सन् 1929 सूत्र कृताङ्ग, सुधर्मास्वामी, सं. श्री अमर मुनि आत्मज्ञान पीठ, मानसा, 1981 सांख्य सूत्र, ईश्वर कृष्ण, सं. ब्रज चतुर्वेदी, नैशनल पब्लिशिंग हाऊस, दिल्ली, सन् 1972 " स्थानाङ्ग सूत्र, भा. 1-2, आचार्य श्री आत्मा राम जी म. आचार्य श्री आत्माराम जैन प्रकाशन समिति, जैन स्थानक, लुधियाना, वी.नि. 2501 स्याद्वादमंजरी, मल्लिषेण सूरि, सं. डॉ. जगदीश चन्द्र जैन, रायचन्द्र जैन शास्त्रमाला, अगास, 1970 हरिवंश पुराण, आचार्य जिनसेन सं. पण्डित पन्नालाल जैन साहित्याचार्य, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, सन् 1962 अंग्रेजी ग्रन्थ Studies in Jain Philosophy, Nathmal Tatia, Jain Cultural Research Society, Varanasi, 1951 The Doctrine of Liberation in Indian Religions. Muni Shiv Kumar, Sri Jainendra Gurukula, Panchkula, 1981 कोश ग्रन्थ अमरकोश, अमरसिंह, सं.पं. विश्वनाथ झा, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली, सन् 1984 अमरकोश, भानुजी दीक्षित टीका, नगरी प्रचारिणी सभा, काशी, पद्मचन्द्रकोश: पं. गणेश दत्त शास्त्री टीका, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, सं. 1925 अभिधानचिन्तामणि कोश, हेमचन्द्र कृत, सं. हरगोबिन्द दास, वेचरदास तथा मुनि जिनविजय, भावनगर, 1914 जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश : ( भा. 1-4) क्षु जिनेन्द्र वर्णी, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दुर्गाकुण्ड मार्ग, वाराणसी-5 नानार्थ रत्नमाला, सं. रामचन्द्र शर्मा, डैकन कॉलेज, पूना, सन् 1954
SR No.022656
Book TitleJain Darshan Ke Pariprekshya Me Aadipuran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSupriya Sadhvi
PublisherBharatiya Vidya Prakashan
Publication Year2010
Total Pages394
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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