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शीघ्रता कीजिये ? अपूर्व अवसर ??
हाथ से न जाय
पूज्य श्री १००८ श्री जवाहिरलालजी महाराज के व्याख्या द्वारा जो पुस्तकें निकलती हैं:
उनके पढ़ने से देश, जाति, नीति और जैन के गूढ़ रहस्यों के साथ परोपकार वृत्ति का प्रसार होता हैं तथा जैसे-जैसे इन दैवी गुणों की सत्ता बढ़ती जायगी वैसे वैसे संसार की पीड़ारूप आसुरी भाव का मूलोच्छेद होता जायगा ।
यदि आप ऐसे २ अनेक ग्रंथों को पढ़ना चाहते हों तो आज जीवन कार्यालय अजमेर के स्थायी ग्राहक बनकर एक रुपया और ज़ा जमा करा देंगे तो आपको यह पुस्तकें बुक पोस्ट द्वारा बराबर मि जाँयगी और इससे खर्च की भी बचत होगी तथा समय पर पुस्तकें अ • मिलेंगी रुपया पूरा होने पर हिसाब भेज दिया जायगा ।
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आज तक दयादान सम्बन्धी अपूर्व तर्क वितर्कों सेपरिपूर्ण ऐसी पुस्तकें जैन समाज में प्रकाशित नहीं हुई हैं। तेरापंथ समाज ने इन पुस्तकों को बीकानेर गवर्नमेंट से जब्त कराने के लिये दो दो बार तन, मन, धन, से महान प्रयत्न किया किन्तु दया-धम प्रेमी सरकार ने दया-धर्म के सिद्धान्तों की पूर्ण रक्षा की है।
"सद्धमे मंडन" (१२०० पृष्ट के अंदाज का ग्रंथ रु० १) में । “चित्रमय अनुकम्पा विचार" ( जिसमें दयादान सम्बन्धी २० चित्र रहेंगे) इसका मूल्य केवल आठ आने ।
यह पुस्तकें छपने से पहले ही इस मूल्य में मिल सकेंगी बाद में नहीं दी जायगी इस लिये अभी से अपना और अपने मित्रों का नाम ग्राहकों की श्रेणी में लिखा दें ।
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नथमल लूणियाद्वारा आदर्श प्रेस अजमेर में छपी