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दसवेआलियसुत्तं.
॥ रइवक्का चूलिया पढमा ॥
इह खलु भो पव्वइएणं उत्पन्न दुक्खेणं संजमे अरइसमावन्नचितेणं ओहाणुप्पेहिणा अणोहाइएणं चेव हयरस्सिगयंकुसपोयपडागारभूयाई' इमाई अहारस ठाणाई सम्मं संपडिलेहियव्वाइं भवन्ति । तं जहा ।
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हं भो दुस्समाए दुप्पजीवी ॥ १ ॥
लहुस्सगा 'इत्तरिया गिहीणं कामभोगा ॥ २॥
चूलिया - १
भुज्जो य सायबहुला मणुस्सा ॥ ३ ॥
* इमं च मे दुक्खं न चिरकालोवहाइ भविस्सइ ॥ ४ ॥
ओमजणपुरक्कारे ॥ ५ ॥
वंतस्स य "पडियाइयणं गिहीणं ॥ ६ ॥
अहरगइवासोवसंपया ॥ ७ ॥
दुल्लभे खलु भो गिहीणं धम्मे गिहिवासमज्झे वसंताणं ॥ ८ ॥ "आर्यके से वहाय होइ ॥ ९ ॥
संक से वहाय होइ ॥ १० ॥
सोक्स, गिहिवासे निरुवक्के से परियाए ॥ ११ ॥ गिहिंवा मोक्खे परियाए ॥ १२ ॥
सावज्जे गिहिवासे 'अगवज्जे परियाए ॥ १३ ॥ बहुसाहारणा गिहीणं कामभोगा ॥ १४ ॥ पत्तेयं पुण्पापाचं ॥ १५॥
आणिच्चे खलु भो मणुयाण जी विए कुसग्गजलबिंदुचंचले ॥ १६ ॥ बहु च खल पार्व कम्मं पगडं ॥ १७ ॥
पावा व खल भो कडाणं कम्माणं पुव्वि दुच्चिण्णाणं दुप्पडितां वेयइत्ता मोक्खो; नत्थि अवेयइत्ता, तवसा वा झोससा। अपरस पयं भवइ ॥ १८ ॥ भवइ य 'एत्थ सिलोगो । नया यच धम्मं अणज्जो भोगकारणा । -तस्थमुच्छिए बाले आयइं नावबुज्झइ ॥ १ ॥
१ घ. पडागाभ्याइं . २ ख. इत्तिरिया, घ. इत्तरिआ 3 च. साइबहुला. ४ ख. इमे इमे दुक्खे; घ. च. इमे अ मे. ५ ख. पडिआवयणं; घ. पडिआयणं; च. पुस्तके 'हिणिं' इति न दृश्यते. ६ ख. घ. आयंको. ७ ख. घ. गिहवासे. ८ च. निरवज्जे. ९ च. दुष्पडिकंताणं. १० ख. घ. वेइत्ता. ११ ख. घ. इत्थ.