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पमायटाण. पीलेइ अत्तट्ठगुरू किलिडे रसाणुवाएण परिग्गहेण
उपायणे रक्खणसन्निओगे । वए विओगे य कहं सुहं से
संनोगकाले य अतित्तलाने रसे अतित्ते य परिग्गहमि
सत्तोवसत्तो न उवेइ तुढेि । अतुट्ठिदोसेण दुही परस्स
लोभाविले आययई अदत्तं तएहानिभूयस्स अदत्तहारिणो रसे अतित्तस्स परिग्गहे य । मायामुसं वइ लोनदोसा
तत्थावि मुक्खा न विमुच्चई से मोसस्स पला य पुरत्थयो य.
पयोगकाले य दुही पुरन्ते । । एवं अदत्ताणि समाययन्तो
रसे अतित्तो पुहिओ अणिस्तो रसाणुरत्तस्स नरस्स एवं
कत्तो सुहं होऊ कया किंचि । तत्थोवनोगे वि किलेसदुक्खं . निवत्तई जस्स कएण मुक्खं एमेव रसम्मि गयो पओसं
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