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जीवाजीवविभत्ती
[-३६.९२२
चन्दा सूरा य नक्खत्ता गहा तारागणा तहा। दिसाविचारिणो चेव पंचहा जोइसालया॥ २०७॥ वेमाणिया उजे देवा दुविहा ते वियाहिया। कप्पोवगा य बोद्धव्वा कप्पाईया तहेव य ॥ २०८॥ कप्पोवगा बारसहा सोहम्मीसाणगा तहा। सर्णकुमारमाहिन्दा बम्भलोगा य लन्तगा ॥ २०९॥ महामुक्का सहस्सारा आणया पाणया तहा। आरणा अच्चुया चेव इइ कप्पोवगा सुरा ॥२१०॥ कप्पाईया उजे देवा दुविहा ते वियाहिया। गेविज्जाऽणुत्तरा चेव गेविजा नवहा तहिं ॥ २११ ॥ हेट्ठिमाहेट्ठिमा चेव हेट्ठिमामज्झिमा तहा। हेट्ठिमाउरिमा चेव मज्झिमाहेट्ठिमा तहा ॥ २१२ ॥ मज्झिमामज्झिमा चेव मज्झिमाउवरिमा तहा। उवरिमाहेट्टिमा चेव उवरिमामज्झिमा तहा ॥ २१३ ॥ उवरिमाउवरिमा चेव इय गेविज्जगा सुरा। विजया वेजयन्ता य जयन्ता अपराजिया ॥ १४ ॥ सव्वत्थसिद्धगा चेव पंचहाणुत्तरा सुरा। इय वेमाणिया एए गहा एवमायओ॥ २१५ ॥ लोगस्स एगदेसम्मि ते सव्वे विवियाहिया। इत्तो कालविभागं तु वोच्छं तेसिं चउन्विहं ॥ २१६ ॥ संतई पप्पाडणाईया अपज्जवसिया विय।. ठिई पडुच्च साईया सपज्जवसिया वि य ॥२७॥ साहियं सागरं एवं उक्कोसेणं ठिई भो। भोमेज्जाणं जहनेणं दसवाससहस्सिया ॥२१८॥ पलिओवममेगं तु उक्कोसेणं ठिई भवे । वन्तराणं जहनेणं दसवाससहस्सिया ॥ २१९॥ पलिओवनमेगं तु वासलक्खेण साहियं । पलिओवमट्टभागो जोइसेसु जहनिया ॥२२०॥ दो चेव सागराई उक्कोसेण वियाहिया। सोहम्मंमि जहन्नेणं एगं च पलिओवमं ॥२२१॥ सागरा साहिया दुन्नि उक्कोसेणं वियाहिया। ईसाणम्मि जहनेणं साहियं पलिओवमं ॥ २२२ ॥