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उत्तराध्ययनसूत्रम् सम्मत्तं चेव मिच्छतं सम्मामिच्छत्तमेव य । एयाओ तिथि पयडीओ मोहणिजस्स सणे ॥९॥ चरित्तमोहणं कम्मं इविहं तु वियाहियं । कसायमोहणिजं तु नोकसायं तहेव च ॥१०॥ सोलाविहमेएणं कम्मं तु कसायज। सत्तविहं नवविहं वा कम्मं च नोकसायजं ॥११॥ नेरइयतिरिक्खाउंमणुस्साउं तहेव य। देवाउयं चउत्थं तु आउकम्मं चउन्विहं ॥१९॥ नाम कम्मं तु दुविहं सुहममुहं च आहियं। सुहस्त उ बहू भेया एमेव असुहस्स वि ॥ ११॥ मोयं कम्मं दुविहं उच्चं नीरंच आहियं। उच्च अट्रेविहं होह एवं नीर्य पि आहियं ॥ १४॥ दाणे लामे य भोमे य उवमोगे वीरिए तहा। पंचविहमन्तरायं समासेमविवाहिये ॥१५॥ एयाओ मूलपयडीओ उसराओ य आहिया। पएसम्मं खेत्तकाले य भावं चाहत्तरं सुण ॥१६॥ सम्वेसिं चेव कम्माणं पएसम्ममणन्तम। गण्ठियसत्ताईयं अन्तो सिद्धाण आहियं ॥१७॥ सत्यजीवाण कम्मं तु संगहे छद्दिसागयं। सन्वेस वि पएसेस सव्वं सब्वेण बदगं ॥१८॥ उदहीसरिसनामाण ती कोडिकोडिओ। उक्कोसिया ठिई होइ अन्तोमुलुत्तं जहनिया ॥१९॥ आवरणिज्जाण दुण्हं पि वेयणिजे तहेव य। अन्तराए य कम्मम्मि ठिई एसा वियाहिया ॥२०॥ उदहीसरिसनामाणं सत्तर कोडिकोडिओ। मोहणिजस्स उकोसा अन्तोमुहुत्तं जहनिया॥२१॥ तेत्तीस सागरोवमा उक्कोसेण वियाहिया। ठिई उ आउकम्मस्स अन्तोमुहुत्तं जहनिया ॥२२॥ उदहीसरिसनामाणं वीसई कोडिकोडिओ। नामगोत्ताणं उक्कोसा अट्ठ मुहत्ता जहन्निया ॥२३.