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हिंदीबंगानुवादसहितपरीक्षामुखं । ६१ विपरीतनिश्चिताविनाभावो विरुद्धोऽपरिणामी शब्दः कृतकत्वात् ॥२९॥
हिंदी-जिस हेतुका अविनाभावसंबंध (व्याप्ति) साध्य से विपरीतके साथ निश्चित हो उसै विरुद्धहत्वाभास कहते हैं जैसा शब्द परिणामी नहि है क्योंकि कृतक है यहां पर कृतकत्व हेतुकी व्याप्ति अपरिणामित्व से विपरीत परिणामित्व के साथ है इसलिये कृतकत्व हेतु विरुद्धहेत्वाभास कहा जाता है ॥२९॥ ___बंगला-ये हेतुर आविनाभावसंबंध [ व्याप्ति ] साध्येर विपरीतेर सहित निश्चित हय, ताहाके विरुद्ध हेत्वाभास वले येमन शब्द अपरिणामी केनना ताही कृतक । एस्थले अपरिणामित्वेर विपरीत परिणामित्वेर सहित कृतकत्व हेतुर व्याप्ति आछे, सुतरां कृतकत्वके विरुद्ध हेत्वाभास बला याय ॥२९॥
विपक्षेप्यविरुद्धवृत्तिरनैकांतिकः ॥३०॥
हिंदी-जो हेतु पक्ष सपक्ष विपक्ष तीनोंमें रहे उसै अनैकांतिक कहते है ॥३०॥ ____ बंगला-ये हेतु पक्ष सपक्ष ओ विपक्ष एइ तिनटीरइ थाके तहाके अनैकांतिक वला हय ॥३०॥ निश्चितविपक्षवृत्तिका उदाहरण
निश्चितत्तिरनित्यः शब्दः प्रमेयत्वात् घटवत् । आकाशे नित्येप्यस्य निश्चयात् ॥३१॥३२॥
हिंदी-जो हेतु विपक्षमें निश्चितरूपसे रहै उसै निश्चित