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लोकबाधित एवं स्ववचनबाधितके भेदसे बाधित पांच प्रकार है ॥ ११-१५॥ - बंगला-एखन अनुमानाभास बलितछि । तन्मध्ये इष्ट असिद्ध ओ अबाधितेर विपरीत अनिष्ट सिद्ध ओ बाधितके पक्षाभास बला याय । शब्देर अनित्यता मीमांसकेर मते अनिष्ट केनना मीमांसकगण शब्देर नित्यता मानिया थाकेन । शब्द श्रवणेंद्रिय ग्राह्य इहा सिद्ध । सेइरूप प्रत्यक्षबाधित, अनुमानबाधित, आगमबाधित, लोकबाधित एवं स्ववचनबाधित भेदे बाधित पाँच प्रकार ॥ ११-१५।। तत्र प्रत्यक्षबाधितो यथा-अनुष्णोऽग्निद्रव्यत्वाज्जलवत् ॥१६॥
हिंदी--अग्नि शीतल है क्योंकि द्रव्य है जैसा जल यह प्रत्यक्षबाधित का उदाहरण है क्योंकि स्पार्शन प्रत्यक्षसे अमिकी शीतलता बाधित है ॥ १६ ॥
बंगला-अग्नि शीतल येहेतु उहा द्रव्य, येमन जल एइ स्थले अग्निर शैत्य प्रत्यक्षबाधित, केनना स्पर्श द्वारा अग्नि शीतलता बाधित हइयाछे ॥ १६ ॥ __ अपरिणामी शब्दः कृतकत्वाद् घटवत् ॥ १७ ॥
हिंदी-शब्दका परिणाम नहीं होता क्योंकि वह किया हुआ है जैसा घट, यह अनुमानबाधित का उदाहरण है अर्थात् (शब्दः परिणामी कृतकत्वाद्धटवत्) शब्द परिणामी है क्योंकि किया हुआ है जैसा घट यह अनुमान उसका बाधक है ॥१७॥