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पर्यायस्वरूप पदार्थ, प्रमाणका विषय होता है । क्योंकि प्रत्येक पदार्थ में अनुवृत्तप्रत्यय - सामान्यप्रत्यय और व्यावृत्तप्रत्यय विशेष प्रत्यय होते हैं जैसे पुरुषमें पुरुष ऐसा सामान्य प्रत्यय और ब्राह्मण है वैश्य है इत्यादि विशेष प्रत्यय होते हैं । तथा पूर्व आकारका त्याग उत्तर आकारकी प्राप्ति और स्वरूपकी स्थिति रूप परिणामोंसे अर्थक्रिया होती है । जैसे कोई पुरुष जिस समय अपनी वाल्य अवस्था समाप्त कर युवा अवस्थामें पदार्पण करता है उस समय उसकी पूर्व अवस्था वाल्य अवस्थाका त्याग और उत्तर अवस्था युवा अवस्थाकी प्राप्ति एवं पुरुषत्व रूपसे दोनों अवस्थामें स्थिति रहती है अर्थात् एकही पुरुषमें पुरुषत्व और ब्राह्मणत्व रूप सामान्य विशेष धर्म तथा उत्पाद व्यय और स्थिति रूप परिणाम रहते हैं । इसी प्रकार हरएक पदार्थ में समझ लेने चाहिये ॥ १ । २ ॥
बंगला - सामान्य ओ विशेषरूप अर्थात् द्रव्य एवं पर्यायस्वरूप पदार्थ प्रमाणेर विषय हय । ये हेतु प्रत्येक पदार्थ अनुवृत्तप्रत्यय सामान्यप्रत्यय एवं व्यावृत्तप्रत्यय विशेषप्रत्यय हय । यथा- पुरुषे पुरुष एइ प्रकार सामान्यप्रत्यय एवं ब्राह्मण, वैश्य प्रत्यय विशेषप्रत्यय हइया थाके । एवं पूर्वाकारेर त्याग ओ उत्तराकारेर प्राप्ति एवं स्वरूपेर स्थितिरूप परिणामद्वारा अर्थ क्रिया हइया था । यथा कोनेओ व्यक्ति ये समय स्वकीय वाल्यावस्था समाप्त करिया युवावस्थाय पदार्पण करे सेइ समये