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[22] वीसं कोकाकोमी, एवइयाबाद वाससया ||३२|| गुरु कोडिकोड तो, तित्थाहारा मिन्नमुहु बादा || लहुविइ संखगुगुणा, नरतिरियाषाउ पतिगं ॥ ३३ ॥ इगविगल पुत्र कोडिं, पलियासंखंस वाउचर अमणा ॥ निरुवकमाए ब मासा, बाद सेसाण जवतंसो ॥ ३४ ॥ लहुविश्बंधो संजलण, लोहपण विग्घनाणंसेसु || भिन्नमुहुत्तं ते अट्ठ, जसुच्चे बारस य साए ||३५|| दो इगमा सो परुखो, संजलप तिगे पुमट्ठ वरिसापि ॥ से साक्कासाठ. मिच्छत्त विश्ए जं लद्वं ॥ ३६ ॥ यमुक्को सो गिंदिसु, पलियाSसंखं सही लहु बंधो || कमसो पणवीसाए, पन्नासय सहस संगुणि ॥ ३७ ॥ विगलि असन्निसु जिहो, कहियो पलसंखनागूणो ॥ सुर नरया समा दस, - सहस्स सेसाज खुमनवं ॥ ३८ ॥ वाण विलहुबंघे, भिन्नमुहू अबाद चाउजिट्टे वि ॥ केइ सुराउसमं जिण, मंतमुहू बिंति दारं || ३ || सत्तरस समहिआ किर,