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अनुक्रमणिका.
विषय. श्री शत्रुजय लघुकल्प
१थी ४ जीव विचार
४ थी नव तत्व दंडक ... लघु संघयणी ... चैत्यवंदन भाष्य ... गुरुवन्दन भाष्य पच्चक्खाण भाष्य... कर्म विपाक नामे प्रथम कर्मग्रन्थ कर्म स्तच नामे द्वितीय कर्मग्रन्थ बन्ध स्वामित्व नामे तृतीय कर्मग्रन्थ षडशीति नामे चतुर्थ कर्मग्रन्थ शतक नामे पंचम कर्मग्रन्थ ... सप्ततिका नामे षष्ठ कर्मग्रन्थ
... ९१ रत्नाकर पच्चीशो...
०३-1, दशवकालिकनी सज्झायो ११ १०७-१२७ पंच महाव्रतनी सज्झायो ... ... १२७-३२ परचुरण सज्झायो, चैत्यवन्दनो विगेरे... १३३ थी ११ दशवैकालिक सूत्र, मूल .... ... १४१-२१६ दसवैकालिक सूत्र चूलिका .... ... २१७-२३४