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________________ विजयों भरत क्षेत्र औरावत क्षेत्र और महाविदेह में 32 विजय सभी मिलकर 34 विजय क्षेत्र है । विदेह में स्थित कच्छ आदि हर विजय 2212.7/8 योजन विस्तार है । 6 महासरोवर नाम कहां लंबाई चौडाई गहराई किसका निवास 1. पद्महूद • क्षुल्लहिमव॑त उपर 2. महापद्महूद - महाविमवंत उपर 1000 - 500 - 10 यो. श्री देवीका 2000 - 1000 - 10 यो. ही देवीका 3. तिगिच्छिहूद निषध उपर 4000 - 2000 -10 यो. धी. देवीका 1000 - 500 - 10 यो. लक्ष्मी देवीका 4. पुंडरिकहूद - शिखरी उपर 5. महापुंडरिकहूद - रूविम उपर 6. केसरीहूद - नीलवंत . उपर - : 2000 - 1000 - 10 यो. वृध्धि देवीका 4000 - 2000 - 10. यो. किंर्ति देवीका भरत क्षेत्र में गंगा और सिंधु ये दो महानदीया लघुहिमवंत के पद्महूद में से निकलकर चौद हजार दूसरी छोटी नदीओ के साथ मिलकर क्रमसर पूर्व और पश्चिम तरफ बहकर लवणसमुद्र से मिलती है । उसी प्रकार औरावत क्षेत्र में रक्तवती और रक्ता शिखरी पर्वत के पूंडरीक हूद में से नीकलकर चौद चौद हजार छोटी नदीओ के साथ क्रमसर पश्चिम और पूर्व की तरफ बहकर लवण समुद्र से मिलती है । नाम कहां है रोहिता हिमर्वत क्षेत्र में 59 . . · किस दिशा तरफ पूर्व में बहती है परिवार 28.000 पदार्थ प्रदीप
SR No.022363
Book TitlePadarth Pradip
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnajyotvijay
PublisherRanjanvijay Jain Pustakalay
Publication Year132
Total Pages132
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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