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उन्न्न्न्न्न्ल
विषय.
पु. सं. विषय.
पृ. सं. मुनि अर्जिका श्रावक श्राविका इन चारों संघोंका। तिलकदान आदिविधान
१२९ सत्कार ... ... ... १२३ अभिषेक विधि प्रतिष्ठाचार्य ( इंद्र ) को भेंट देके संतोषितकर वस्त्र
बिसर्जनविधि, इष्टप्रार्थना ...
१३० आभूषण भोजन आदिसे सत्कारपूर्वक क्षमा कराके
आचार्य (गुरु) प्रतिष्ठाविधि ... विदा करना ... ... ... १२३
गणधर वलयका स्वरूप ...
१३० हा प्रतिष्ठा देखनेकेलिये आये हुए साधर्मियोंका भोजन श्रुतदेवता ( सरस्वती ) की प्रतिष्ठा सरस्वती यंत्र । Dil आदिसे सत्कारकर विदा करना ... १२३ वनानेकी विधि तथा सरस्वतीमंत्रका जप १३१ Mगंधर्व नृत्यकार आदिका भी योग्य सत्कार करके। सरस्वती स्तोत्रका पाठ ... ... १३२ | इनाम देकर रवाना करना ... १२३ यक्षादिकी प्रतिष्ठा
१३३ फिर प्रतिमाको वेदीपर लेजाकर विराजमान करना १२४ तावें आदिपर खुदे हुए यंत्रोंकी प्रतिष्ठा मध्यम संक्षिप्त प्रतिष्ठाकी विधिका वर्णन १२४ प्रतिष्ठाविधि योग्यरीतिसे करनेका फल जिनमंदिर पर धुजा चढानेकी विधि ... १२५ ग्रंथकारकी प्रशस्ति जिनमंदिर और जिनप्रतिमाकी प्रतिष्ठाका फल १२.६ प्रतिष्ठासारोद्धारका परिशिष्ट । छठा अध्याय ॥६॥
श्रुत ( सरस्वती) पूजाका विधान ... सिद्ध प्रतिमाकी प्रतिष्ठा विधिका वर्णन १२७ गुरुपूजाका बिधान बहत्सिद्धचक्रका उद्धार ... ...
वसुनंदि आचार्यकृत प्रतिष्ठासारसंग्रहके उपयोगी लघुसिद्धचक्रका उद्धार १२८ श्लोक ...
... १४१ सिद्धस्तुतिपाठ तथा गुणारोपणका विधान १२९ । प्रतिष्ठासार संग्रहका पहला परिच्छेद समाप्त १४२|
१४०
१२८
का उद्धार
...
न्कन्छन्