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________________ १६ चौथे ग्रैवेयक का देवता की स्थिति जैगर सागरोपस की, उत्कृष्टी २६ सागरोपम की. STAsaan, AHEN १७ पांचमे ग्रैवेयक का देवता की स्थिति जन्द सागरोपम की . उत्कृष्टी २७ सागरोपम की १८ छठे ग्रैवेयक का देवता की स्थिति ज० २७ सागरोपम की उत्कृष्टी २८ सागरोपम की १९ सातमें अवेयक का देवता की स्थिति ज०२८ सागरोपम की उत्कृष्टी २६ सागरोपम की । २० अाठमें ग्रैवेयक का देवता की स्थिति ज०२६ सागरोपमकी उत्कृष्टी ३०सागरोपम की २१नव में ग्रैवेयक का देवता की स्थिति ज० ३० सागरोपम की उत्कृष्टी ३१ सागरोपम की २२ चार अनुत्तर विमान का देवता की स्थिति ज० ३१ सागरोपम की उ०३३ सागरोपम की। २३ सर्वार्थसिद्ध विमान का देवता की स्थिति अजघन्य अनुत्कृष्टी ३३ सागरोपम की। २१ समोहया असमोहया मरण-नारकी और देवता दोनों प्रकार के मरण मरते हैं। ___ २२ चवण-- नारकी और भुवनपति देवता से लगाकर यावत् आठवां देवलोक तक ज० १-२-३ यावत् संख्याता उ० असंख्याता च्यवे । नवमां देवलोक से लगाकर यावत् सर्वार्थसिद्ध विमान तक ज० १-२-३ उत्कृष्ट संख्याता च्यवे ।
SR No.022356
Book TitleLaghu Dandak Ka Thokda
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBherodan Jethmal Sethiya
PublisherBherodan Jethmal Sethiya
Publication Year1927
Total Pages60
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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