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नवतत्त्वसंग्रहः सौधर्म देवलोक अपरिगृहीत देवीना विमान ६ लाख, ते किणि किणि देवलोकि
भोग आवे ते (१३२) यंत्रम् सनत्कुमार पल्योपम १०
स्पर्शभोगी ब्रह्म पल्योपम २०
रूप देखी भोगवे महाशुक्र पल्योपम ३०
शब्द सांभळी भोगवे आनत पल्योपम ४०
मन करी विकार करी आरण पल्योपम ५० |
मनई चितवी (१३३) ईशान देवलोके अपरिगृहीत देवीना विमान ४ लक्ष, ते किस किसके ? माहेन्द्र पल्योपम १५
स्पर्शभोगी लान्तक पल्योपम २५
रूप देखी सहस्त्रार पल्योपम ३५
शब्दभोगी प्राणत पल्योपम ४५
मनि विकार करी अच्युत पल्योपम ५५
मन चितवी भोगवे (१३४) अथ ९ ग्रैवेयक, ५ अनुत्तरविमानयंत्रम्
हेठत्रिक मध्यत्रिक उपरत्रिक ४ अनुत्तर | सर्वार्थसिद्ध संस्थान पूर्ण चंद्र पूर्ण चंद्र पूर्ण चंद्र अंस
वृत्त विमान-संख्या १११
१०७ पृथ्वीपिंड
२,२०० २,२०० २,२०० २,१००
२,१०० विमान-उच्चत्व
१,०००
१,००० १,१००
१,१०० विष्कंभ
संख्य संख्य
संख्य असंख्य असंख्य असंख्य असंख्य
३ पदवी अहमिन्द्र | अहमिन्द्र
अहमिन्द्र | अहमिन्द्र अहमिन्द्र . (१) उडु प्रतर, (२) चंद्र प्र०, (३) रजत प्र०, (४) वल्गु प्र०, (५) वीर्य प्र०, (६) वरुण प्र०, (७) आनंद प्र०, (८) ब्रह्म प्र०, (९) कांचन प्र०, (१०) रुचिर प्र०, (११) चंच प्र०, (१२) अरुण प्र०, (१३) दिश प्र०, (१४) वैडूर्य प्र०, (१५) रुचक प्र०, (१६) रुचिर (?) प्र०, (१७) अंक प्र०, (१८) मेघ प्र०, (१९) स्फटिक प्र०, (२०) तपनीय प्र०, (२१) अर्घ प्र०, (२२) हारिद्र प्र०, (२३) नलिन प्र०, (२४) लोहिताक्ष प्र०, (२५) वज्र प्र०, (२६) अंजन प्र०, (२७) वरमाल, (२८) अरिष्ट प्र०, (२९) देव प्र०, (३०) सौम्य प्र०, (३१) मंगल प्र०, (३२), बलभद्र प्र०, (३३) चक्र प्र०, (३४) गदा प्र०, (३५) स्वस्तिक प्र०, (३६) नंदावर्त्त प्र०, (३७) आभंकर प्र०, (३८) गृद्धि प्र०, (३९) केतु प्र०, (४०) गरुड प्र०, (४१) ब्रह्म प्र०,
४ . .
संख्य
प्रतर
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