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नवतत्त्वसंग्रहः | ४०० | ३००
विमानसङ्ख्या
___३२ | २८ | १२ | लाख । लाख
लाख
८ | ४ | ५० | ४० | लाख लाख सहस्त्र
सहस्त्र
सहस्त्र
२७०० | २७००
२६००
२६००/२५०० २५००२४०० २४००|२३०० २३००
पृथ्वीपिंड
विमान
६००
- ८०० | ८०० / ९००
५०० | ५०० यो. |
उच्चत्व
विष्कंभ
| مر
संख्येय असंख्य
विमान
ए |
व |
مر
विमानवर्ण
به
१३
प्रतर ६२ आवलि चिह्न
१३ । १३ । १२ १२ | ६ | ५ | ४
| ४ मग महिष वराह | सिंह | छाग | शालूर - हय | भुजग वृषभ जाति
शशी | विशेष मृग कनक | कनक पद्म | पद्म | पद्म | श्वेत | श्वेत | श्वेत | श्वेत पालक पुष्कक| सौमनस | श्रीवत्स | नंद्यावर्त | कामगम प्रीतिमन | विमल वर | सर्वतोभद्र सुधर्म | ईशान | सनत्कु- माहेन्द्र | ब्रह्म | लांतक महा | सहस्रार | प्राणत | अच्युत
मार
शरीरवर्ण
यान विमान
इन्द्र
शुक्र
सामानिक
आत्मरक्षक
त्रायस्त्रिंश
लोकपाल
अनीक
देवी अग्रमहिषी परिषद्
-
- |
→ | ए |
व |
म् |
कंदर्प किल्बिषिक आभियोगिक