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२५ संज्ञा
नवतत्त्वसंग्रहः | नोसंज्ञोपयुक्त | संज्ञोपयुक्त १, | एवम् एवम् | नोसंज्ञोपयुक्त नोसंज्ञोनोसंज्ञोपयुक्त २
पयुक्त आहारक आहारी
आहारी | आहारी | आहारी
अनाहारी | ज० १, उ० ३ | ज० १, उ० | ज० १, उ० | ज० १, उ० | ज० १, उ० | १ तेही
२६ आहार
आहारी
२७ भव
२८ आकर्ष- | ज० १, उ०३ | एक भव आश्री घणे भव | ज० १, उ०७
आश्री २९ स्थिति- ज० उ० एक जीव आश्री
ज० १, उ० ज० १, उ० ज०१, उ० ज० २, उ० पृथक्त्व शत | पृथक् शत | पृथक् शत | २ ज० २, उ० । | ज० २, उ० ज० २, उ० | ज० २, उ० ० २ से ९ हजार | २ से ९ हजार | २ से ९ हजार ज०१ समय, | एवम् । एवम् ज० १ समय, ज० उ० देश ऊन
| उ० अंतर्मुहूर्त | अंतर्मुहूर्त, पूर्व कोटि
उ० देश ऊन पूर्व
कोटि सर्वाद्धा | सर्वाद्धा | सर्वाद्धा ज० १ समय, सर्वाद्धा
उ० अंतर्मुहूर्त एवम्
नास्ति अंतरम्
-
नाना जीव | ज० १ समय, | आश्री
उ० अंतर्मुहूर्त ३० अंतर- ज० अंतर्मुहूर्त एक जीव उ० वनस्पति
काल घणा जीव | ज०१ समय,
आश्री उ० संख्यात
आश्री
नास्ति अन्तरम्
नास्ति अन्तरम्
नास्ति ज० १ समय, नास्ति अन्तरम् | उ० ६ समय | अंतरम्
वर्ष
१ केवल
असं० भागमें असं० भागमें सर्व०
३१ समु- | वे १, क २, वे १, क २, | वे १, क २, | ६ केवल |
द्धात | मर३ । म ३, वै ४, ते ५ | म३, वै ४,ते ५ | नही ३२ क्षेत्र लोकके असं
एवम् । - ख्यमे भाग ३३ स्पर्शन| लोकके असं
एवम् ख्यमे भाग ३४ भाव क्षयोपशम
औपशमिक वा क्षायिक
| -
क्षायिक