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________________ २७६ १० हरि - महाहरि षेण ११ जय विजय विप्रा वर्ष वर्ष राणी ३०० ३०० १०० राजा निदान नगर मोरा वर्ष वर्ष राणी ३२५ ३२५ १२ ब्रह्म - ब्रह्मभूत चूल - वर्ष वर्ष वर्ष राजा णी ५६ १६ दत्त २८ पिता नाम ९ वासुदेव पूर्व भा विश्व पर्वत धनभूति मित्र पूर्व आचार्य संभूति सुभद्र सुदर्शन माता नाम मृगावती उमा ९ बलदेव वर्ष वर्ष वर्ष १५० ८८५० ३५० अवगाहना-धनु ८० गति - नरक आयु-वर्ष पूर्व भव नाम वर्ष वर्ष वर्ष १९०० ४०० मथुरा कनक- श्रावस्ती वस्तु० प्रजापति ब्रह्मा रुद्र पृथ्वी सातमी ਭਤੀ ८४ लक्ष ७० ६० ਭਤੀ ७२ लक्ष त्रिपृष्ठ द्विपृष्ठ स्वयंभू पुरुषो - पुरुष - पुरुषपुं- दत्त नारायण कृष्ण त्तम सिंह डरीक लक्ष्मण ६० लक्ष वर्ष ६०० भद्र महे- वि- सनत् - मो न्द्र जय कुमार क्ष राट् पुरु ३ अभि- राज- महा- मो शुक्र क्ष त पुर राट् दीक्षा संभू- काशी नही तजी समुद्र- सैवाल दत्त श्रेयांस कृष्ण श्रा- राजगृह वस्ती सौम्य शिव ५० ਭਤੀ ३० लक्ष ९ प्रतिवासुदेव अश्व- [मे]ता - मेरक मधुकै- निसुंभ ग्रीव रक सव (टभ) अचल विजय ४५ छठी १० लक्ष सीता अमृता लक्ष्मी शेषमति कैकयी देवकी मित्र सुप्रभ सुदर्शन विश्व- सु- सागर- अशोक वराह नंदी बुद्धि दत्त ललित सहस्र सौ- ७ मी वर्ष ७ कंपिधर्म नरक ७०० धनु लपुर प्रिय ललित- पुनर्वसु गंगदत्त मित्र मित्र गंगदत्त सागरसमित काकंदी मिथिला काशी हस्तिना पुर महाशिर अग्नि- दशरथ वासुदेव शिख २९ २६ छठी नवतत्त्वसंग्रहः वर्ष १५ कंपि १० धनु लपुर सहस्र वर्ष बल १२ राज ३ धनु गृह पांचमी प्रहलाद आनंद नंदन ६५ ५६ १२ सहस्र हजार सहस्र वराह धर्म सेन समुद्र १६ चौथी रावण १० त्रीजी १ सहस्र जरा सिंध पद्म राम रामचंद्र बलभद्र अपरा- ललि जित तांग
SR No.022331
Book TitleNavtattva Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Sanyamkirtivijay
PublisherSamyagyan Pracharak Samiti
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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