SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 297
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ द्रव्यार्थ २६२ नवतत्त्वसंग्रहः (१०१) भगवती (श० २५, उ० ४, सू० ७४४, पृ. ८८५) परमाणु १ । संख्यात प्रदेश २ | असंख्यात प्रदेश ३ | अनंत प्रदेश ४ द्रव्यार्थे देशैजा ७ असंख्य ८ असंख्य ____३ अनंत सर्वैजा ६ असंख्य | ५ असंख्य - ४ (असं.) १स्तोक निरेजा ९ असंख्य १० असंख्य ११ असंख्य २ अनंत गुणा प्रदेशार्थे देशैज अप्रदेशार्थ ६ असंख्य ७ असंख्य ३ अनंत गुणा सर्वैज अप्रदेशार्थ ५ असंख्य ४ असंख्य १ स्तोक निरेज अप्रदेशार्थ ८ असंख्य ९ असंख्य २ अनंत अप्रदेशार्थ । १२ असंख्य १४ असंख्य ५ अनंत ११ असंख्य ९ असंख्य ७ अनंत १ स्तोक निरेज १६ असंख्य १७ संख्यात १९ असंख्य ३ अनंत प्रदेशार्थ देशैज १३ संख्यात १५ असंख्य ६ अनंत | सर्वेज ० १० संख्यात ८ असंख्य २ अनंत निरेज १८ संख्यात २० असंख्य ४ अनंत (१०२) परमाणुपुद्गल सैज निरेज (अल्पबहुत्व) भग० श० २५, उ० ४ (सू० ७४४) अल्पबहुत्व परमाणु यावत् असंख्य अनंतप्रदेशी स्कंध प्रदेशी स्कंध चला १ स्तोक २ अनंतगुणा अचला २ असंख्य गुण सबैज १ स्तोक द्रव्यार्थे सैजा 'प्रदेशार्थे (१०३) अल्पबहुत्व अल्पबहुत्व | परमाणु | संख्यातप्रदेशी अनंतप्रदेशी ३ अनंत गुण | ४ असंख्य गुणा ५ असंख्यात । २ अनंत गण निरेजा ६ असंख्य । ७ संख्य गुणा । ८ असंख्यात | १स्तोक सैजा ३ अप्रदेश० | ४ असंख्य गुणा ५ असंख्यात २ अनंत गुणा निरेजा ६ असंख्य | ७ असंख्य गुणा ८ असंख्यात १ स्तोक सैजा ५ अनंत । ६ असंख्य गुणा | ८ असंख्यात ३ अनंत निरेजा | १० असंख्य | ११ असंख्य गुणा । १३ असंख्यात १स्तोक | ० । ७ असंख्य गुणा । ९ असंख्यात ४ अनंत ० | १२ असंख्य गुणा | १४ असंख्यात । २ अनंत द्रव्यार्थे प्रदेशार्थे | सैजा निरेजा १. आ संबंधी उल्लेख विचारणीय जणाय छे।
SR No.022331
Book TitleNavtattva Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Sanyamkirtivijay
PublisherSamyagyan Pracharak Samiti
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy