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चल
एकवचने
नवतत्त्वसंग्रहः (९८) अंतरयंत्रं भग० सू०७४४ परमाणु-पुद्गल
द्विप्रदेश आदि-अनंत प्रदेश पर्यंत जघन्य
उत्कृष्ट
जघन्य उत्कृष्ट स्वस्थाने
१ समय असंख्य काल १ समय | असंख्यात काल परस्थाने १ समय असंख्य काल १ समय । अनंत काल स्वस्थाने १ समय आवलि १ समय | आवलि असंख्य असंख्य भाग
भाग परस्थान १ समय असंख्य काल । १ समय । अनंत काल
चल नास्ति अंतरं नत्थि नत्थि | नत्थि अचल नास्ति अंतरं
नास्ति अंतरं सर्वत्र १ समय | असंख्य काल| असंख्य काल १ समय | उत्कृष्ट असंख्य
काल
अचल एकवचने
बहुवचने
अंतर समुच्चये |
देशैज
(९९) कालमान स्थितमान यंत्रम् भग० श० २५, उ० ४ (सू० ७४४) परमाणु
द्विप्रदेशादि अनंत प्रदेशी पर्यंत जघन्य उत्कृष्ट
जघन्य उत्कृष्ट १ समय आवलिके
असंख्यमे भाग एकवचने सर्वैज । १ समय आवलिके १ समय आवलिके
असंख्यमे भाग
असंख्यमे भाग निरेज
१ समय असंख्य काल | १समय | असंख्य काल 'बहुवचने देशैज
सर्वाद्धा
सर्वाद्धा (१००) अंतर मानका यंत्र (भग० सू० ७४४) परमाणु
द्विप्रदेशादि-अनंत प्रदेशी पर्यंत जघन्य उत्कृष्ट
जघन्य उत्कृष्ट देशैज स्वस्थाने
१ समय | असंख्य काल परस्थाने
१ समय अनंत काल सर्वैज स्वस्थाने १ समय | असंख्य काल | १ समय असंख्य काल परस्थान १समय ।
| असंख्य काल । १ समय अनंत काल सर्वाद्धा
सर्वाद्धा १. परमाणुपुद्गलो तेमज द्विप्रदेशादि स्कंधो सर्व अंशे सदा काल कंपे तेमज सदा काल निष्कंप रहे।
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