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________________ २५० o worm द्रव्यदेशे rm | १२ १३ २३ |3| واماماماماما ماماه स. |9| २३३ नवतत्त्वसंग्रहः (९०) भगवती शते १२ मे, उद्देशक १० मे पुद्गलभंग (९१) भगवती शते ८ उद्देशे १०मे पुद्गलके भंग ८ १ सद्भाव द्रव्यम् २ असद्भा. ३ स. ४] स. अस. दव्वाई |०० ५. स. स. दव्वदेसा ६] अस. स. दव्वं च दव्वदेसे | | ७| अस. | स. अस. १२२ दव्वं च देसा 0 ८. स. अस. ११२ स. स. स. १३३ दव्वाइं च दव्वदेसेय |१०| स. स. स. ११३ दव्वाइं च दव्वदेसाय | ११/ स. अस. स. भगवती ५मे शते उद्देशे ७ मे भंग ९ १२ अस. स. अस. २२३ | १३/ स. अस.| स.| १२३ देसेणं | देसं फुसइ ] | १४| स. अस. स.| अस. ११२२ देसेणं | १५/ स. स. स. स. ११३३ देसेणं | १६ अस. | स. | अस. स. | २२३३ देसेहि देसं | १७/ स. स. | अस. स. | १२३३ | १८ स. अस. स. | अस. १२२३ देसेहि अस. स. स. १९२३ देसेहि | सव्वं | २० स. अस. स. अस. स. | १२२३३ सव्वेणं | देसं । २१/ स. स. अस. स. स. ११२३३ सव्वेणं देसे २२ अस. स. | अस. स. स. ११२२३ | २३/ स. अस.| स. स. अस. स. ११२२३३| सव्वेणं | सव्वं (९२) भगवती शतक ५ मे उद्देशे ७ स्पर्शनायन्त्रम् देसे १ | 0 0 0 पर. स्पर्श ० ० ० 0 | १| परमाणु-पुद्गल परमाणु-स्पर्श २] परमाणु-पुद्गल | द्वि प्रदेशी स्कंध ३ | परमाणु-पुद्गल । तिप्र-स्पर्श ४ द्विप्रदेशी स्कंध ५ | द्विप्रदेशी स्कंध द्विप्रदे. स्पर्श ६ द्विप्रदेशी स्कंध तिप्रदे. स्पर्श ७ तिप्रदेशी स्कंध पर. स्पर्श तिप्रदेशी स्कंध द्विप्र. स्पर्शे ९ तिप्रदेशी स्कंध तिप्रदेशीकू |0|-००००० ०००००००० Jwwww| 0000 &00000000 |m | 0 | 0 G|0|6|G|0|6|G 000000 اما ما ما ما ما ما । ० ६ ० २ | ३ | ४ | ३ | ४ द्रव्य देश करके ८ भांगे है. सो परमाणुमे २ पावें - ११२, द्विप्रदेशीमे भंग ५ पावें-१-५, त्रिप्रदेशीमें ५ भंग पावें-१-७, चार प्रदेशीमें भंग ८ पावें-१-८, एवं पांचसे लेकर अनंत
SR No.022331
Book TitleNavtattva Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayanandsuri, Sanyamkirtivijay
PublisherSamyagyan Pracharak Samiti
Publication Year2013
Total Pages546
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size14 MB
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