SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 161
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ .... इसके बाद दूसरा आलापक नमुछारसहियं आदि पांच अध्धा प्रत्याख्यानका और अंगुहसहियं आदि ८ संकेत पच्चक्खाणमेसे कोई भी एक एक प्रत्याख्यान सहित मिश्रात होता है । अतः दूसरा उच्चार स्थान '१३ प्रकार का है । इसके बाद तीसरा आलापक पाणस्स लेवेण वा इत्यादि पदों वाला तिविहार उपवासमें ही पानी संबंधी है, अतः इस तीसरे उच्चार स्थान को १ प्रकार का समजना | ये तीनों ही उच्चार स्थान एक साथ उच्चराये जाते हैं। पश्चात् चौदह नियम के संक्षेप के लिए देसावगासिक उच्चराया जाता है। अतः ये चौथा उच्चारस्थान एक प्रकारका है। तथा पाँचवां संध्या समय दिवसचरिमचउविहारका (=पाणहार का) उच्चारस्थान १ प्रकार का है, तथा अपना आयुष्य अल्प जानकर शेष आयुष्यतक चारोंही आहारका त्याग करना हो तो भवचरिमं पच्चक्खामि चउम्विहांपि आहारं इत्यादि पदोंवाला भवचरिम प्रत्याख्यान किया जाता है, वह भी इस 'पाँचवें उच्चारस्थान में अन्तर्गत । । *** अवतरण :- इस गाथा में पच्चकखाण के प्रारंभ में आने वाले उठगाए सूरे व अन्त में आनेवाले वोसिरइ इन शब्दों का प्रयोग प्रत्येक पेटा विभाग वाले पच्चकखाण में करना या नहिं ? उसे दर्शाया जा रहा है। " तह मझपच्चखाणेसु न पिहु सूरुग्गयाइ वोसिरह । करणविहि उ न भनाइ, जहावसीआइ बियछंदे ॥७॥ शब्दार्थ:-पिहु-पृथक् अलग, करणविहि करणविधि क्रिया(प्रत्याख्यान), | विहि= विधि, आवसीआइ = आवसिआए ये पद, बियांदे = दूसरे वंदनक में गाथार्थ:- तथा मध्यम के प्रत्याख्यानों में सूरे उग्गए तथा बोसिरह इन पदों का | भिन्न उच्चार नही करना। जिस प्रकार दूसरे वंदनक में आवसिआए पद का उच्चार दूसरी बार नहीं किया जाता, वैसे ही (सूरे उग्गए और वोसिरह पद भी) वारंवार नहीं बोलना ये करणविधि (प्रत्याख्यान उच्चारने का विधि) ही ऐसा है । - १. अवचूरि में तीन प्रकार का उच्चारस्थान कहा है, वह सामान्यतः पाँचवें उच्चार स्थान में संभवित है।) (1524
SR No.022300
Book TitleBhashyatrayam Chaityavandan Bhashya, Guruvandan Bhashya, Pacchakhan Bhashya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmityashsuri
PublisherSankat Mochan Parshwa Bhairav Tirth
Publication Year
Total Pages222
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy