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परिशिष्टम् ४
शास्त्रपाठः
क्र.
१२१ चतुर्विधोपसर्गास्तु १२२ चित्तरत्नमसङ्क्लिष्ट... १२३ चरमे पुद्गलपरावर्त्ते
'पद्मीय 'वृत्तौ दर्शितानां शास्त्रपाठानां सूचिः
साक्षिग्रन्थनाम
गुरुगुणषट्त्रशत् षट्त्रिशिकावृत्ति: ३४
अष्टकप्रकरणम् २४/७ योगदृष्टिसमुच्चयः ३१,३२
द्वादशभावना: २
अध्यात्मसार: १८/८३
नवतत्त्वप्रकरणम् ६०
१२४ चलु जीविउ जुव्वणु
१२५ चित्तमेव हि संसारो
१२६ जइआइ होइ पुच्छा १२७ जइ जिणमयं पवज्जह
१२८ जणणी जायइ जाया १२९ जननी जन्मभूमिः १३० जयं चरे जयं चिट्ठे १३१ जरा जाव न पीडेइ
१३२ जह कच्छुल्लो कच्छु १३३ जह निव्विग्घं सिग्घं गमणं १३४ जह निंबदुमुप्पन्नो
१३५ जह संझाए सउणाणं
१३६ जह संझाए सउणाणं १३७ जहा लाहो तहा लोहो १३८ जाइ सद्धाइ निक्खंतो १३९ जाए सद्धाए णिक्खंतो १४० जातिलाभकुलैश्वर्य
१४१ जात्यादिमदोन्मत्तः १४२ जाव न पीडइ देहु जर १४३ जावाऽऽउ सावसेसं १४४ जिनैर्नानुमतं किञ्चिन् १४५ जुद्धारिहं खलु जीवियं
१४६ जे गुणे से आवट्टे १४७ जेण जिओ निअअप्पा १४८ जो चंदणेण बाहुं आलिंपइ १४९ जं च कामसुहं लोए १५० जं थिरमज्झवसाणं तं झाणं १५१ जं नरए नेरइया दुक्खं १५२ जं नरए नेरइया दुहाई
पुष्पमाला २२८ वैराग्यशतकम् २२
दशवैकालिकसूत्रम् ४/८
दशवैकालिकसूत्रम् ८/३६
उपदेशमाला २१२
उपदेशरहस्यम् १८४
इन्द्रियपराजयशतकम् ११
आत्मबोधकुलकम् ८
वैराग्यशतकम् ३८
उत्तराध्ययनसूत्रम् ८/१७
दशवैकालिकसूत्रम् ८/६१
आचाराङ्गसूत्रम् १/१/३/२०
योगशास्त्रम् ४/३३९ प्रशमरतिः ९८
बालावबोधप्रकरणम् ६
उपदेशमाला २५८
अध्यात्मसार: ३/२०
आचाराङ्गसूत्रम् १/२/५/४१
वैराग्यरङ्गकुलकम् २४
उपदेशमाला ९२
सङ्ग्रहणीसूत्रम् १२६
ध्यानशतकम् २
देशनाशतकम् ९१
वैराग्यशतकम् ४९
६४५
पृष्ठ क्र.
३२४
४५६
४६९
५५७
४९
४०३
१९०
५४८
५४६
४५५
५१६
२२६
५७७
२२४
२४४
५५०
४२
३७३
३७३
४०
४०
५१७
५१७
४१
२५५
५९२
३१८
२७१
२४८
११
५१९
५१९